भास्कर ब्यूरो
बरेली:- ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने पाकिस्तान के हालात पर एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आतंकवाद को पाकिस्तान ने जन्म दिया और आतंकवाद ही पाकिस्तान को खाए जा रहा है, पाकिस्तान का कोई सा ऐसा राज्य नहीं है जहां पर बुरे हालात का सामना न करना पड़ रहा हो।
बुलोचिश्तान राज्य में जनता आजादी की मांग कर रही है, बाल्टिस्तान की सयम्भू प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी भारत के अलावा कई देशों के भ्रमण करके बुलोचिश्तान में फौज के ज़ुल्म की दास्तान बयान कर रही है।गिलगित बाल्टिस्तान पर सिया समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं वो कारगिल का हाईवे रास्ता खोलने की मांग कर रहे हैं, रोजाना फौज से झड़पें हो रही है, फौजी जुल्म व ज्यादती से तंग आकर भारत जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि कट्टरपंथी विचारधारा वाला संगठन तालिबान को परवान चडाने और भारत के खिलाफ उकसाने में पाकिस्तानी नेताओं की खास भुमिका रहीं हैं। अब पाकिस्तान के हुक्मरानों ने तालिबान के दो भाग करा दिए है, एक तालिबान गुट वो है जिसकी अफ्गानिस्तान पर हुकूमत है और दूसरा गुट तालिबान पाकिस्तान के नाम से है जिसका कंट्रोल पाकिस्तान के दो राज्य सरहद और पंजाब में मुकम्मल तरीके से हो चुका है इस तरह तालिबान अपना वर्चस्व बढ़ाता जा रहा है और भाविष्य में हालात ये बताते हैं कि पाकिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाएगा।अब ऐसी सूरत-ए-हाल में भारतको सतर्क रहने की बहुत ज्यादा जरूरत है।
मौलाना ने कहा कि पूरा पाकिस्तान गम्भीर समस्याओं से जूज रहा है वहां के सभी अवाम भारत की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है।
मौलाना ने कहा कि नेट और सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस पर हुकूमत के अलावा कोई पाबंदी नहीं लगा सकता है, अगर हुकूमत चाहे तो समाज को तोड़ने वाली, देश विरोधी और नफरत फ़ैलाने वाली साइड पर पाबंदी लगा सकती है। पाकिस्तान के बहुत सारे विद्वान दुनिया के मुख्तलिफ हिस्सों में रह कर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं, इन लोगो के अलग-अलग नामों से संगठन बने हुए हैं और उनके संगठनों की शाखाएं दुनिया के विभिन्न देशों में स्थापित है और उसकी शाखाएं खुद भारत के विभिन्न राज्यों में सालों से स्थापित है, देखने और जांच पड़ताल का काम हुकूमत का है।
मौलाना ने आगे कहा कि मैं भारत के तमाम मुस्लिम नौजवानों से अपील कर रहा हूं कि पाकिस्तान द्वारा संचालित सोशल मीडिया को न देखें और उनके ऐपो से न जुड़े। पाकिस्तानी विद्वानो की तकरीरें न सुने, भारतीय विद्वानों की ही तकरीरें सुने। इसलिए की पाकिस्तानी विद्वान कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत की छवि को पूरी दुनिया में खराब करने की कोशिश करते हैं और कश्मीरी मुसलमानों को भारत के खिलाफ भड़काने और उकसाने का भी काम करते हैं।
उक्त लोगों ने अपने लिट्रेचर में कश्मीर के मुसलमानों को मुद्दा बनाया है और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया है, इस तरह के लिट्रेचर भारत में भी प्रकाशित हो रहे हैं इस पर ध्यान न दिया गया तो कुछ सालों के बाद बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। और ये काम अभी से नहीं है बल्कि कई सालों से चला आ रहा है,