
दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं से संबन्धित विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए।जिसके अर्न्तगत उपनिदेशक महिला कल्याण जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार द्वारा ‘‘ इक्वल प्लेस‘‘ कार्यस्थल पर लैंगिक समानता के विषय पर जूम एप के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कराया गया। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रद्वा सक्सेना द्वारा सभी प्रतिभागियों को कार्यस्थल पर लैंगिक समानता के विषय के बारे में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि अधिनियम लोक सभा में 03 सितम्बर 2012 को तथा राज्य सभा में 26 फरवरी 2013 को पारित हुआ और 23 अप्रैल 2013 को इसे अधिसूचित किया गया।
इस अधिनियम के अनुसार ‘‘यह कानून कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से संरक्षण देने, रोकथाम व शिकायत निवारण के लिये बना है। यौन उत्पीड़न के कारण महिला के संविधान में निहित समानता के अधिकार (धारा 14, 15) व जीवन की रक्षा व सम्मान से जीने के अधिकार (धारा 210) व व्यवसाय करने की आजादी के लिये तथा कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण के न होने से उसके कार्य करने के लिये यह कानून है, बताया गया कि यदि महिला के साथ कार्यस्थल पर भेदभाव किया जा रहा है या किसी प्रकार की हिंसा की जा रही है तो वह स्थानीय लोकल कमेटी में पीड़ित महिला लिखित में अपनी शिकायत दर्ज करा सकतीं हैं, जिसकी जांच स्थानीय लोकल कमेटी के द्वारा की जाएगी या सीधे थाना, चौकी, 112 आपातकालीन पुलिस सहायता नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकतीं हैं।
शिकायत दर्ज कराने से पहले घटना का समय, दिनांक और जगह की जानकारी रखना अतिआवश्यक है। साथ ही अगर महिला को निर्णय लेने में कोई समस्या आ रही है तो वह आगे की कार्यवाही करने से पहले विधिक सहायता ले सकती हैं। वही अधिवक्ता श्रद्धा ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि घरों में भी बेटा- बेटी में भेदभाव किया जाता है तथा शिक्षा के समान अवसर प्रदान नहीं किये जाते हैं ऐसी स्थिति में बालिकाओें,किशोरियों,महिलाओ को अपने हक के लिये आवाज उठानी चाहिये, जिससे कि आपके साथ-साथ ही अन्य महिलाओं को समानता का अवसर मिल सके। उपनिदेशक महिला कल्याण जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार ने विशाखा गाइडलाइन के बारे में चर्चा की।
विशाखा गाइडलाइन के अनुसार समस्त कार्यालय में जहां 10 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं वहां पर आतंरिक शिकायत समिति स्थानीय लोकल कमेटी गठित करना अनिवार्य है यदि कोई भी सरकारी,गैरसरकारी संस्था, कार्यालय, स्कूल, कालेज आतंरिक परिवार कमेटी का गठन नहीं करता है तो उन पर निमयमानुसार जुर्माने की व्यवस्था की जाए। प्रतिभागियों के द्वारा कार्यस्थल पर लैंगिक समानता के विषय से सम्बन्धित प्रश्न पूछे गये, जिसके एडवोकेट श्रद्वा सक्सेना के द्वारा संतुष्टिजनक जबाव दिये गये।