भास्कर ब्यूरो
बरेली। पिछले 36 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, तो वहीं उत्तराखंड के कालागढ़ डैम से पानी छोड़ा गया है. जिसके चलते बरेली से गुजरने वाली रामगंगा, बहगुल आदि नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव पानी की चपेट में आने शुरू हो गए हैं.मीरगंज के तीर्थनगर गांव का प्राइमरी स्कूल, गुरुदारा, और तमाम घर रामगंगा नदी में समा चुके हैं.रामगंगा के बढ़ते जलस्तर से गांव के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है.यहां के लोगों ने जिंदगी बचाने के लिए घरों को बचाना शुरू कर दिया है.गांव के काफी घर रामगंगा में समा चुके हैं, तो वहीं कुछ और घर नदी में जाने की तैयारी में हैं।
300 गांव में बाढ़ का खतरा
बरेली में भारी बारिश के चलते बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.रामगंगा नदी में पानी बढ़ने से बाढ़ की आशंका शुरू हो गई है.पिछले दो वर्षों में आंशिक बाढ़ से प्रभावित रहे 330 गांव में लोगों को पानी बढ़ने पर बचाव के सुझाव देने की तैयारी है।
इन नदियों का बढ़ा जलस्तर
बरेली में लगातार बारिश, और उत्तराखंड के डैम से पानी छुटने के बाद रामगंगा, किच्छा, पश्चिमी बैहगुल, भाखड़ा, बहगुल और देवहा समेत अन्य छोटी नदियों में जलस्तर बढ़ गया है.इससे कृषि भूमि का कटान शुरू हो चुका है.कालागढ़ डैम से निकलने वाली रामगंगा नदी, और अन्य नदियों ने कई गांवों को आगोश में ले लिया है.प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को किया अलर्ट
बरेली की नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद निगरानी शुरू कर दी गई है.प्रशासन के अधिकारियों ने जिले की सीमा की शुरुआत से अंत तक बनाई गई 50 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया.यह बाढ़ चौकी पिछले साल के अपेक्षा बढ़ाई गई हैं, इस बार 42 से 50 हो गई.बाढ़ में गांवों से विस्थापन की स्थिति में 28 शरणालय प्रस्तावित किए गए हैं.यहां विस्थापितों के लिए भोजन, ठहरने, दवा आदि व्यवस्थाएं रहेंगी.कई जिलों में बाध्य का खतरा।
रामगंगा डैम के अधीक्षण अभियंता के मुताबिक कुमाऊ, और गढ़वाल में भारी बारिश के चलते रामगंगा डैम का जलस्तर बढ़ गया है. यहां भंडारण क्षमता 355 मीटर है,जबकि 355. 530 मीटर जल स्तर हो जाने से यहां का पानी अब धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है. इससे पहले यहां से 2013 और 2021 में भी पानी छोड़ा गया था.डैम का पानी छोड़ने के कारण यूपी के बरेली,मुरादाबाद,शाहजहांपुर,रामपुर,बिजनौर,फर्रुखाबाद आदि जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है।