दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली। भाजपा के अंदर महापौर के टिकट को लेकर फिलहाल पेच फंस गया है। अब तक ब्राह्मण बनाम गैर ब्राह्मण प्रत्याशी घोषित करने में उलझी पार्टी अभी तक यह निर्णय नहीं ले पाई है कि किसे महापौर का प्रत्याशी घोषित किया जाए। इन सबके बीच भाजपा के दो टिकट दावेदारों ने दिल्ली में अपनी पार्टी के दिग्गज नेता के आवास पर डेरा जमा दिया है। तीसरे दावेदार फिलहाल बरेली में ही हैं। वह मोबाइल से चीजों को मैनेज करने में जुटे हैं। दूसरे चरण के प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पहले भाजपा में टिकट का सस्पेंस बरकरार है। बाकी राजनीतिक दलों की नजरें भी भाजपा के टिकट पर लगी हैं।
दिग्गज भाजपा नेता के आवास पर दो दिन से पैरवी में जुटे
समाजवादी पार्टी ने तीन दिन पहले महापौर सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कांग्रेस का प्रत्याशी भी तय हो चुका है। मगर, भाजपा के टिकट पर चर्चाओं का दौर चल रहा है। बीते हफ्ते पार्टी की ओर से महापौर के टिकट के लिए आठ नामों की सूची हाईकमान को भेजी गई थी। मगर, अब तक इनमें अधिकांश दावेदार फिलहाल टिकट की दौड़ से बाहर हो चुके हैं। केवल दो से तीन नाम ही टिकट की रेस में बाकी बचे हैं। इनमें दो ब्राह्मण और एक गैर ब्राह्मण हैं। राजनीतिक पंडितों के अनुसार महापौर की सीट पर भाजपा फिलहाल किसी ब्राह्मण चेहरे पर ही दांव लगाने के मूड में है।
इसके बावजूद गैर ब्राह्मण चेहरे के तौर पर टिकट के लिए डॉक्टर से नेता बनने में जुटे दावेदार ने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है। वह टिकट की उम्मीद में अब भी दिल्ली में जमे हैं। दिल्ली में एक वरिष्ठ संघ नेता से लेकर कुछ दिग्गज भाजपा नेता तक उनके टिकट की पैरवी करने में लगे हैं। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर महापौर टिकट के लिए अब दो ही नाम सामने हैं। धाकड़ के तौर पर ख्याति अर्जित करने वाले दावेदार को इस बार सबसे ज्यादा खतरा सजातीय नेता से ही है। सजातीय भाजपा नेता ने उनके टिकट में पेंच फंसा दिया है।
दिग्गज भाजपा नेता नाराज
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि स्थानीय दिग्गज भाजपा नेता धाकड़ के कार्यकाल से नाराज हैं। इसके चलते वह उनकी पैरवी न करके उनके ही सजातीय नेता को टिकट दिलाने में हैं। प्रबुद्ध सम्मेलन में शामिल होकर उन्होंने इस बात के संकेत भी दे दिए। एक अन्य जनप्रतिनिधि भी धाकड़ नेता के टिकट का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उनके अलावा अन्य भाजपा नेता भी ब्राह्मण चेहरे के तौर सजातीय नेता को ही अपने लिए ज्यादा मुफीद मान रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इन सब समीकरण को देखते हुए महापौर का टिकट सिर्फ दो ब्राह्मण चेहरों में से ही किसी एक को मिलना तय है। भाजपा के टिकट की दूसरी सूची 20 से 22 अप्रैल के बीच जारी होने की उम्मीद है। उसमें ही यह तय होगा कि पिछले चुनाव में एक ही घोड़े पर सवार होकर महापौर की सीट पर कमल खिलाने वाले दोनों नेताओं में टिकट की बाजी किसके हाथ लगती है। बहरहाल, भाजपा के अंदर टिकट की रस्साकशी जारी है।
दस दिन में बने टिकट के तगड़े दावेदार
महापौर के टिकट के लिए कुछ दिन पहले तक सजातीय नेता को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा था। धाकड़ नेता भी अपना टिकट दोबारा से पक्का मानकर चल रहे थे। मगर, बीते दस दिन में राजनीतिक समीकरण ऐसे बदले कि सजातीय नेता टिकट के तगड़े दावेदार बनकर सामने आ गए। अब धाकड़ नेता को सबसे ज्यादा खतरा अपने इन सजातीय नेता से ही है। सजातीय नेता पांच साल पहले सपा में थे। महापौर चुनाव के समय भाजपा में शामिल होकर उन्होंने सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए थे। वर्ष 2017 में भाजपा को महापौर की सीट 20 साल बाद दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से भाजपा नेता भी इनकार नहीं करते।