बरेली : एसओ ने एनआई एक्ट में सीधे लिख दिया मुकदमा, कोर्ट नाराज

दैनिक भास्कर ब्यूरो,

बरेली। पुलिस भी कई बार कमाल करती है। कोई पुलिस वाला लंबे चौड़े अनुभव के बाद ही थानाध्यक्ष बन पाता होगा, ऐसा सब मानते हैं लेकिन कोई एसओ ऐसा काम कर जाये जो कानून की किताबों में लिखा ही ना हो तब उसका क्या किया जाये। वाकया थाना बिथरी चैनपुर का है, जहां के इंस्पेक्टर ने सीधे सीधे एनआई एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया। यह एक्ट चेक बाउंसिंग के मामलों पर लागू होता है लेकिन सीधे कोर्ट में। एसीजेएम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए एसओ और सीओ को 18 अक्टूबर को तलब किया है।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट से क्षेत्राधिकारी तृतीय व थानाध्यक्ष बिथरी चैनपुर को आज एक नोटिस जारी किया गया। यह नोटिस एक बेहद दिलचस्प मामले में जारी किये गये हैं। कोर्ट ने कहा है कि एफआईआर संख्या 406 – 2023 में पराक्राम्य लिखित अधिनियम यानी नेगोशिएबिल इंस्ट्यूमेंट (एनआई) एक्ट की धारा 138 तथा कुछ अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस संबंध में कानूनन एफआईआर दर्ज ही नहीं हो सकती है। किसी का चेक डिसआनर होने की स्थिति में कोर्ट में लिखित परिवाद ही दाखिल किया जा सकता है, सीधे एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती है। यह व्यवस्था धारा 142 में स्पष्ट रुप से दी गई है। थानाध्यक्ष ने अपने अधिकार से परे जाकर मुकदमा दर्ज किया है।

अदालत ने क्षेत्राधिकारी तृतीय व थानाध्यक्ष संजय तोमर को दो अलग अलग नोटिस जारी किये हैं। जिसमें कहा गया है कि थानाध्यक्ष को कानून की जानकारी नहीं है और थाना चलाने की मूलभूत जानकारी भी नहीं है। अदालत ने सख्ती दिखाते हुए सीओ से कहा है कि आप तकमीला के काम में रुचि नहीं ले रहे हैं और पेशी क्लर्क जिस तरह पेपर रखते हैं उस पर आप केवल दस्तख्त करके अपने दायित्वों की इतिश्री कर लेते हैं।

सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि सीओ तृतीय व थानाध्यक्ष बिथरी चैनपुर को कानून की जानकारी नहीं है। 18 अक्टूबर को दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया है तथा यह भी कहा गया है कि क्यों ना उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाये।
जानकारी मिली है कि एफआईआर दर्ज कराने वाले बिथरी चैनपुर के गांव सैदपुर खजुरिया निवासी तौकीर रजा खां हैं, जिन्होंने लेनदेन के विवाद में फरीदापुर चौधरी के जफीर अतहर व शोएब मोहम्मद के खिलाफ धारा 406, 323, 504, 506 के साथ साथ चेक बाउंस की धारा 138 में भी मुकदमा दर्ज कराया था।

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