
दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली। प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर चौकी चौराहा समेत अन्य चर्चों में विशेष प्रार्थना की गई। विशेष प्रार्थना का संचालन रेव्ह सुनील के मसीह ने किया। रेव्ह प्रमोद नंदा ने पवित्र ग्रंथ बाइबिल का पाठ किया। विशेष प्रार्थना में सात वचनों का मनन चिंतन करने के लिए प्रयागराज से प्रो. जस्टिन मसीह आए थे। उन्होंने गिटार बजाकर प्रभु यीशु की याद में गीत सुनाए। ओजस्वी भाषण से श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। इस मौके पर चर्च में पहुंचे श्रद्धालुओं को उन्होंने बताया कि आज के दिन शैतान ने 40 दिन बाद यरुशलम में विजयी राजा के रूप में प्रवेश किया तो उसने प्रार्थना की महत्ता पर जोर दिया। धर्म गुरुओं के साथ विवाद किया। उस वक्त के लोगों ने प्रभु यीशु को पकड़ा। उन्हें अदालत में पेश किया गया।
चौकी चौराहा समेत अन्य चर्चों में गुड फ्राइडे को जमा हुए मसीही समाज के लोग
अंत में दो डाकुओं के साथ सूली पर चढ़ाने का हुक्म दे डाला। चूंकि वह परमेश्वर पुत्र थे। मानव जाति को बचाने के लिए पृथ्वी पर आए थे। इसलिए प्रभु यीशु ने सात वचन कहे। उन सात वचनों में प्रभु यीशु का मानव जाति के प्रति प्रेम झलकता है। मृत्यु के नजदीक होने के बाद भी यीशु को मनुष्य के ईश्वर के साथ संबंधों को जोड़ने की चिंता थी। इसलिए उनको सताया गया। लेकिन उन्होंने अपना मुख नहीं खोला। तीन घंटे की विशेष प्रार्थना में बरेली के अलावा लखनऊ, कानपुर हल्द्वानी, बागेश्वर, औरंगाबाद बिहार, नोएडा दिल्ली से आए मसीही समाज के लोग मौजूद थे।