
- जायरीनों के लिए ठहरने व लंगर का इंतज़ाम
बरेली। दरगाह आला हज़रत में सातवां दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिया 4 और 5 मई को अकीदत के साथ मनाया जाएगा। मुख्य आयोजन 5 मई को दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा कादरी उर्फ अहसन मियां की सरपरस्ती में होगा। उर्स की तैयारियों को लेकर दरगाह परिसर में बैठक हुई, जिसमें मुफ्ती अहसन मियां ने सभी रज़ाकारों को जायरीनों की खिदमत करने के निर्देश दिए।
मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया कि उर्स में शामिल होने वाले दूर-दराज से आने वाले अकीदतमंदों के लिए मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम, अफ्रीकी हॉस्टल और मेहमानखाने में ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही दरगाह की ओर से लंगर का भी इंतज़ाम रहेगा, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
कुल शरीफ की रस्म 7:14 पर, होगी खास दुआ
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि 5 मई को सुबह नमाज़-ए-फज्र के बाद कुरानख्वानी होगी। दिनभर नात और मनकबत का सिलसिला चलता रहेगा। मुख्य कार्यक्रम दोपहर 4 बजे से शुरू होगा, जिसमें देशभर से आए उलमा-ए-इकराम ताजुश्शरिया, मुफ्ती आज़म हिंद और आला हज़रत की मज़हबी खिदमात पर रोशनी डालेंगे। शाम 7 बजकर 14 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी, इसके बाद सज्जादानशीन अहसन मियां की खास दुआ होगी।
बैठक में जुटे कई जिम्मेदार
बैठक में औरंगज़ेब नूरी, हाजी जावेद खान, शाहिद नूरी, परवेज़ नूरी, मंज़ूर रज़ा, अजमल नूरी, मुजाहिद रज़ा, ताहिर अल्वी, शान रज़ा, इशरत नूरी, आलेनबी, नाज़िम रज़ा, साजिद नूरी, ज़ोहिब रज़ा, सय्यद माजिद अली, डॉक्टर अब्दुल माजिद, युनुस गद्दी, मोहसिन रज़ा, इरशाद रज़ा, सबलू अल्वी, जीशान कुरैशी, साकिब रज़ा, सुहैल रज़ा समेत कई लोग शामिल रहे।