बस्ती : प्रत्याशी के साथ परिजन भी कूदे प्रचार कार्य में

हर्रैया/ बस्ती। मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है  प्रत्याशियों के प्रचार कार्य तेजी आ गई है आलम यह है कि कार्यकर्ताओं के अलावा प्रत्याशियों के परिजन भी प्रचार कार्य में जुट गए हैं और सुबह से लेकर देर रात तक घर घर जाकर वोट मांगते हुए देखे जा रहे हैं।वहीं अभी तक किसी भी प्रत्याशी के पक्ष मे वोट मांगने के  लिए किसी भी दल के  बड़े नेता का आगमन नहीं हुआ है।बावजूद इसी सभी  दलों के अधिकृत प्रत्याशी और समर्थक  मतदाताओं को रिझाने मे जीतोड़ मेहनत कर रहे है। प्रत्याशी जितना सक्रिय है मतदाता चुप है।    
    चुनाव चिन्ह आवंटन के साथ विधानसभा क्षेत्र हर्रैया  में प्रचार कार्य  अपने पूरे शबाब पर पहुंच गया है । प्रत्याशी और समर्थक मतदाताओं को रिझाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं के अलावा अब परिजनों ने भी प्रचार की बागडोर संभाल लिया है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ  के अलावा सपा प्रत्याशी  त्र्यंबक नाथ पाठक स्वयं प्रचार कार्य में जुटे हैं तो उनके भाई तथा उनके पुत्र इंजीनियर प्रवीण पाठक नवीन पाठक चुनाव कार्य में जुट गए हैं और घर घर जाकर मतदाताओं को रिझाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है।इसी तरह से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री राज किशोर सिंह के पुत्र तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह सानू पूर्व ऊर्जा सलाहकार दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उनके भाई बृज किशोर सिंह डिंपल चुनाव प्रचार में रात-दिन एक किए हुए हैं । भाजपा प्रत्याशी अजय  सिंह उनके भाई ब्लाक प्रमुख केके सिंह छोटे भाई अंबिकेश्वर सिंह और विधायक की पत्नी चुनावी समर में कूद पड़ी है भाजपा के लिए  घर-घर जाकर वोट मांग रहे है। कांग्रेस प्रत्याशी लबोनी सिंह भी अपने पति और समर्थकों के साथ गांव गांव घूम कर वोट मांग रही है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रशासनिक अधिकारी पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद से नेता बने सुरेश कुमार सिंह भी समर्थकों के साथ मतदाताओं से संपर्क कर वोट मांग रहे है। वही निर्दलीय उम्मीदवार चन्द्र मणि पाण्डेय सुदामा प्रचार कार्य मे रात दिन एक किए हुए है।

जनहित मे लड़ी गई लड़ाई को लेकर हमेशा चर्चा मे रहने वाले सुदामा मतदाताओं से समर्थन मांग रहे है। फिलहाल चुनावी महासमर मे कूदे सभी प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है वहीं मतदाता खामोश है अश्वासन सभी को दे रहे है लेकिन वोट किसको करेंगे यह बात अभी उनके मन मे है।

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