बस्ती । दुबौलिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर्रैया तहसील के दुबौलिया में ए.डी. एकेडमी के संस्थापक डॉक्टर वाई.डी. सिंह की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होने डा. वाई.डी. सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लिखित ‘‘अविस्मरणीय स्मृतिया‘‘ पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होने कहा है कि डा. वाई.डी. सिंह ने चिकित्सा के साथ-साथ शिक्षा, बागवानी, गोवंश संरक्षण तथा समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य किया। इन्सेफलाइटिस के दौरान बच्चों की जान बचाने में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है। विकसित भारत देश का निर्माण करना सभी देशवासियों का दायित्व है।
मूर्ति का अनावरण तथा सभा को संबोधित करते मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की ओर निरन्तर अग्रसर है। सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने जनसभा में उपस्थित सभी लोगो को नवरात्रि एवं रामनवमी की बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि डॉक्टर वाई.डी. सिंह सरकारी नौकरी करते हुए भी समाज सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है, जिसको पूरा पूर्वांचल जानता है। बच्चो को दिखाने के लिए नेपाल से लोग आते थे और वे निःशुल्क इलाज करा कर वापस जाते थे। डाक्टर साहब स्वयं अपनी जन्मभूमि बस्ती शनिवार एवं रविवार को आकर निःशुल्क बच्चों का इलाज करते थे। उन्होने यहॉ के बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल की स्थापना भी किया। विधान परिषद सदस्य के रूप में उन्होने सम्पूर्ण समाज की सेवा किया।
पुस्तक का किया विमोचन
उन्होने कहा कि गोरखपुर मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है, जिसको गोरखपुर के नागरिक ही नही पूरे पूर्वांचल के नागरिक जानते है। बिना भेदभाव के उनके द्वारा सभी लोगो का इलाज किया जाता था। एक समय ऐसा था, जब सरकारे मेडकिल कालेज में पैसा कम देती थी, तो उन्होंने गोरखपुर मेडिकल कालेज में अपने पैसों से बहुत से कार्य ऐसे कराये जिसकी परिकल्पना नही की जा सकती है। उन्होंने कहा की आजादी की अमृत महोत्सव के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “पंच प्रण“ के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा था, कि विकसित भारत देश के निर्माण करने में सभी नागरिकों का योगदान होना चाहिए। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत निरन्तर विकास की ओर अग्रसर है। केंद्र तथा प्रदेश सरकार बिना भेदभाव के विकास कार्य करा रही है, जिसका लाभ सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा की वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र बस्ती की यात्रा पर आये थे, तो उन्होंने बस्ती की दशा पर कहा था “बस्ती को बस्ती कहूं तो काको कहूं उजाड़“ लेकिन अब ये बस्ती वो बस्ती नही रहा। बस्ती विकास की ओर निरन्तर अग्रसर है। यहॉ पर महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज, पालीटेक्निक, आईटीआई बने है। 50 हजार कुन्तल प्रतिदिन पेराई क्षमता वाली मुंडेरवा चीनी मिल में फाइनसुगर तैयार हो रही है। यहॉ पर एथनाल का प्लांट लगा है तथा बिजली उत्पादन का प्लांट भी है। बिजली की व्यवस्था पहले जैसी नही रही, नई तकनीक से बिजली व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होने कहा कि पचवस महाविद्यालय में नये पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
उन्होने कहा कि बस्ती की धरती पवित्र धरती है, मखधाम मखौड़ा में महाराज राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था, जिसके बाद भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इस जगह को भगवान राम की उद्भव स्थली मानी जाती है। टू लेन रामजानकी मार्ग, लुम्बिनी दुद्धि मार्ग, पंचकोसी एंव चौरासी परिक्रमा मार्ग, अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रिय हवाई अड्डा, श्रमिको एवं कोविड के दौरान अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। इन्वेस्टर समिट-2023 के बाद बस्ती में भारी उद्योगों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे बस्ती के हजारों युवाओं को रोजगार प्राप्त होंगा। युवाओं को रोजगार के लिए अपना कौशल विकास करना होंगा।
समारोह को सम्बोधित करते हुए विधायक अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनपद के मखौड़ाधाम, श्रृंगीनारी, हनुमानबाग चकोही, अमौलीपुर, देवरियामाफी आदि धार्मिक स्थलों का विकास हुआ है। मनवर नदी की सफाई का काम चल रहा है। डा. गीता दत्त ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर एमएलसी धु्रवचन्द्र त्रिपाठी, डा. धर्मेन्द्र सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, महेश शुक्ला, अशोक सिंह, श्रीमती आशिमा सिंह, साहित्यकार नवनीत मिश्र, वेदप्रकाश पाण्डेय, मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र, आईजी आर.के. भारद्वाज, जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निंरजन, एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी, प्रबंधक श्वेतांक शेखर, स्थानीय जनप्रतिनिधि, गोरखपुर से आये चिकित्सकगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका मानवी सिंह ने किया। डा. वेदप्रकाश द्विवेदी ने काव्य पाठ किया।