बस्ती । विभिन्न राजस्व न्यायालय में विचाराधीन मुकदमो के निस्तारण में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों के निस्तारण मानक के अनुरूप संतोषजनक पाए जाने पर जिलाधिकारी अन्द्रा वामसी ने इन्हें प्रशस्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने राजस्व निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि उनके न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों में तहसील से संबंधित आख्या 3 दिन के भीतर अवश्य उपलब्ध करायें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।जनपद के विभिन्न न्यायालयों में राजस्व एवं स्टांप, चकबंदी तथा फौजदारी वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए उन्होंने सभी पीठासीन अधिकारियों /मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है ।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि राजस्व एवं स्टांप के 1 अक्टूबर तक जनपद में कुल 35173 मुकदमे लंबित थे। 1 अक्टूबर से 11 जनवरी तक कुल 8714 मुकदमे दायर किए गए। इस प्रकार कुल 43887 लंबित वादों में से 11 जनवरी तक 30922 मुकदमे निस्तारित किए गए। जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि कुल अवशेष 12965 में से 9517 एक वर्ष से कम अवधि के मुकदमे है। उन्होंने इसके जनवरी के अंत तक निस्तारण का निर्देश दिया है। 1 वर्ष से अधिक तथा 3 वर्ष तक के कुल 1540 मुकदमे है। 3 वर्ष से अधिक तथा 5 वर्ष से कम अवधि के कुल 740 तथा 5 वर्ष अवधि से अधिक कुल 1168 मुकदमे लंबित है
समीक्षा में उन्होंने पाया कि 1 अक्टूबर तक चकबंदी के कुल 3430 मुकदमे उपसंचालक चकबंदी सहित 6 अन्य चकबंदी अधिकारियों के न्यायालय में मुकदमे लंबित थे। 11 जनवरी तक 1755 मुकदमे दायर किए गए। कुल लंबित 5185 में से 3214 मुकदमे 11 जनवरी तक निस्तारित किए गए। अब कुल लंबित 1971 में से 1 वर्ष से कम 1121, 3 वर्ष तक की अवधि के 666, 5 वर्ष तक की अवधि के 184 मुकदमे लंबित है। इनको भी शीघ्र निस्तारण के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि 1 अक्टूबर तक फौजदारी के 8465 मुकदमे लंबित थे। 11 जनवरी तक 3161 मुकदमे दायर किए गए। कुल लंबित 11626 में से 9635 मुकदमे 11 जनवरी तक निस्तारित किए गए। अवशेष 1991 में से 1905 मुकदमे 1 वर्ष से कम अवधि के हैं। 41 मुकदमे 3 वर्ष तथा 9 मुकदमे 5 वर्ष से कम तथा 36 मुकदमे 5 वर्ष से अधिक अवधि के हैं। बैठक में सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा राजस्व निरीक्षक उपस्थित रहे।
ई -केवाईसी नहीं, तो सम्मान निधि से वंचित होंगे किसान हर्रैया, बस्ती: जरा सी लापरवाही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के किसानों को भारी पड़ सकती है। करीब पांच हजार किसानों ने अभी तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी नहीं की है। इन किसानों को जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। ऐसा न करने पर उनकी अगली किस्त नहीं मिल पाएंगी। जिससे इस लाभ से वंचित होना पड़ेगा। हर्रैया विकास क्षेत्र में कुल 41 हजार किसान सम्मान निधि के पंजीकृत हैं। जिसमें 36 हजार किसानों को सम्मान निधि उनके खाते में भेजी जा रही है। कृषि विभाग की ओर से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करने वालों 15 वीं किस्त लाभार्थियों को भेजी है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इन किसानों को जल्द ही ई केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जिन किसानों ने अभी तक ई केवाईसी व आधार सीडिंग नहीं कराया है।
वह ब्लॉक पर राजकीय कृषि बीज भंडार पर बैंक खाता,आधार,खतौनी जमा कर दें। जिससे उनकी केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की जा सके। हर्रैया ब्लॉक कृषि विभाग एडीओ एजी राजकिशोर ने बताया कि हर्रैया ब्लाक में अभी करीब पांच हजार किसानों ने ई केवाईसी व एनपीसी की प्रक्रिया नहीं पूरी की है। उन किसानों को एनपीसी व ई केवाईसी कराने की अपील किया जा रहा है। जिससे उनकी अगली किस्त मिल सके। वहीं मृतक आश्रित किसानों को भी सम्मान निधि का लाभ मिलेगा। इन किसानों को जन सेवा केंद्र पर पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद ऑनलाइन संबंधी एप्लीकेशन कृषि बीज भंडार पर जमा करना होगा।