बस्ती: कड़ाके की ठंड से लोगों का हाल हुआ बेहाल

विक्रमजोत, बस्ती में लगातार विगत एक सप्ताह से चल रही सर्द हवाओं ने ठंड को और बढ़ा दिया है। सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं।जिसके चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।आलम यह है कि लोग समय से पहले रजाई में दुबक जा रहे है य फिर अलाव ताप कर किसी तरह से समय व्यतीत कर रहे हैं। वही किसान पाला पड़ने के डर से परेशान हो रहे है।आलू,सरसों, मटर,टमाटर आदि सब्जी के फसलों पर ठंड का प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है।धूप न होने के कारण गेहूं की फसल की पत्तियां भी पीली पड़ने लगी है।

सबसे ज्यादा कठिनाई इस समय खेत की सिंचाई करने वाले तथा रात में छुट्टा पशुओं से बचाने के लिए अपनी खेतों की रखवाली करने वाले किसानों को हो रही है। भीषण ठंढी़ में रात भर जागकर अपनी फसल की रखवाली करते हैं। वही स्थानीय कस्बे सहित क्षेत्र के लगभग सभी चौराहों पर शासन द्वारा अलाव की व्यवस्था नही की गई है।जिसके कारण ठेले, खोमचे चलाने वाले व मजदूरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूर होकर लोग इधर उधर से लकड़ी तथा पेडों के पत्ते इकट्ठा कर अलाव की ब्यवस्था कर रहे है।

वही ठंड के कारण समय से पहले ही बाजार व चौराहे की दुकानों के शटर बंद हो जा रहे है। सबसे बड़ी समस्या छोटे दुकानदार व ठेला खोमचे लगाने वाले दुकानदारों को हो रही है। लोगों के घर से न निकलने के कारण सामानों के बिक्री पर असर पड़ा है।वही रोज मजदूरी करने वाले मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, जिसके चलते दो वक्त की रोटी की व्यवस्था भी सही ढंग से नही हो पा रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने शासन / प्रशासन से क्षेत्र के प्रमुख चौराहों तथा सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने व गरीब, मजबूर व लाचार लोगों को कम्बल वितरण करने की मांग किया है।

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