
दुबौलिया /बस्ती। भक्ति ही नही शत्रु भाव से भी जिसने परमात्मा को अपने चित्त में रखा उसका कल्याण हो गया। संसार में जड़ चेतन जो कुछ भी दृश्य अदृश्य है उसमें परमात्मा का वास है। यह सृष्टि ईश्वर की इच्छा पर संचालित हो रही है। श्रीराम कथा कलियुग मे कल्प वृक्ष है।
उक्त सद् विचार राम विवाह दुबौलिया के मैदान में नारायण सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा आयोजित 9 दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा का सूत्रपात करते हुये भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी इंजीनियर वीरेंद्र मिश्र ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ फीता काटने के बाद मौजूद श्रद्धालुओं के बीच व्यक्त किया।
मौजूद श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने कहा कि जगत में ऐसा कुछ भी नही जो परमात्मा से भिन्न हो। रावण, कंस, हिरण्यकश्यप सहित अनेक उदाहरण है जिन्हें परमात्मा ने मुक्ति प्रदान किया। श्री महाराज ने धर्म की सहज व्याख्या करते हुये कहा कि धर्म हमारे जीवन को उदार बनाता है। श्रीराम कथा के प्रत्येक पात्र जीवन को सहज बनाने का संदेश देते हैं। सृष्टि में जब-जब अनीति, कुबुद्धि, कुविचार का विस्तार होता है ईश्वर विभिन्न रूपों में जन्म लेकर जगत का मार्ग दर्शन करते हैं।
इस अवसर पर मुख्य यजमान संजीव सिंह के साथ ही आयोजक बाबूराम सिंह, उदय नरायन सिंह, माता प्रसाद पाण्डेय, सत्यनरायन द्विवेदी, अनिल सिंह, डा. के.पी. मिश्र, पाण्डेय, अनूप सिंह, जसवंत सिंह, अजय सिंह, रामू, राधेश्याम, इन्द्रपरी सिंह, दीक्षा सिंह, विभा सिंह, शीला सिंह के साथ ही बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक शामिल रहे।