उपभोक्ता फोरम ने भारतीय फुटवियर कंपनी बाटा इंडिया लिमिटेड को सेवा में कमी के लिए 9 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल, ये मामला चंडीगढ़ का है जहाँ दरअसल एक ग्राहक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने ये फैसला सुनाया। ये मामला कैरी बैग के लिए ग्राहक से तीन रुपये मांगे जाने से शुरू हुई जिसके लिए बाटा को लेने के देने पड़ गए। बताते चले एक बाटा के एक शोरूम में ग्राहक से पेपर बैग के लिए 3 रुपए मांगे गए थे। इस पर ग्राहक ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकायकर्ता का कहना था कि बाटा ने बैग पर भी शुल्क लगाया, यानी कंपनी बैग को भी ब्रांड के नाम से ही बेचने की कोशिश कर रही थी, जो कि बिल्कुल न्यायोचित नहीं था।
सभी ग्राहकों को मुफ्त पेपर बैग दे कंपनी
बताते चले इस मामले में शिकायतकर्ता ने भारतीय फुटवियर कंपनी के खिलाफ सर्विस में कमी की शिकायत करते हुए 3 रुपए का रिफंड मांगा था। कंपनी ने अपने बचाव में कहा कि उसकी तरफ से सर्विस में कोई कमी नहीं की गई है। हालांकि, फोरम ने कहा कि यह बाटा की जिम्मेदारी थी कि वह सामान खरीदने वाले लोगों को मुफ्त पेपर बैग मुहैया कराए। इसी के साथ फोरम ने बाटा को निर्देश दिया कि वह सभी ग्राहकों को मुफ्त पेपर बैग दे। फैसले में यह भी कहा गया कि अगर कंपनियों को पर्यावरण की चिंता है तो वह पर्यावरण के अनुकूल पदार्थों से बने बैग कस्टमर को मुफ्त में दें।
‘पर्यावरण की इतनी चिंता है तो फ्री बैग दो’
कंज्यूमर फोरम ने बाटा को साफ निर्देश देते हुए कहा कि वह अब से अपने ग्राहकों को फ्री बैग दे। फोरम वने कहा कि देखा जाता है कि कंपनियां पर्यावरण के लिए चिंता जताते हुए पेपर बैग रखती हैं। अगर आपको पर्यावरण की इतनी चिंता है तो फ्री बैग दीजिए न। ये बैग एनवायरनमेंट फ्रेंडली होने चाहिए। बताते चले फोरम ने फैसले में बाटा इंडिया को निर्देश दिया कि वह ग्राहक को बैग के 3 रुपए के साथ ही मुकदमे में लगी राशि- 1000 रुपए लौटाए। इसके अलावा बैग न देकर ग्राहक को मानिसक यातना देने के लिए 3 हजार रुपए के भुगतान के आदेश दिए गए। फोरम ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के लीगल एड अकाउंट में 5000 रुपये जमा करने के भी निर्देश दिए।