
साक्षात्कार
श्री गौरव मेहता, संस्थापक एवं सीईओ, जयपुर वाच कंपनी
1. बिस्पोक घडिय़ां अत्यंत उत्कृष्ट नजर आती हैं। आपने कंपनी कब शुरू की और अब तक आपकी यात्रा कैसी रही है?
हमने 2013 में कंपनी शुरू की। पिछले 7 साल की हमारी यात्रा प्रयोगों और नवोन्मेषों से भरपूर रही है। भारत में एचएमटी, टाइटन आदि का घडिय़ां बनाने का इतिहास रहा है। लेकिन घडिय़ों का हमारा पहला ब्रॉन्ड है, जिसने माइक्रोब्रांड फाइन/बिस्कोप घडिय़ों के क्षेत्र में कदम रखा है। इतिहास, धरोहर और भारत की लग्जरी परंपराओं के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए स्थापित जयपुर वाच कंपनी शिल्प कौशल और पुरातनता का सम्मिश्रण है, जिसमें त्रुटिरहित प्रक्रिया से घडिय़ां तैयार की जाती हैं।
2. घडिय़ों की दुनिया में आपको क्या चीज आकर्षित करती है?
ऐसा क्या है, जो आकर्षित न करे!
ये हर किसी के जीवन का हिस्सा हैं। चाहे यह उपहार के रूप में हों, वंशानुगत वस्तु के रूप में हों या सहायक के रूप में। यह अपने हर स्वरूप में मूल्यवर्धन करती हैं। इसके अलावा समय अपने आप में दिलचस्प अवधारणा है। घड़ी के रूप में आप एक उपकरण पहनते हैं, जो ब्रह्मांड में समरसता के साथ काम करती है। घडिय़ां अनोखी तकनीकी उपलब्धि हैं, जिसका इतिहास है और इनकी दिलचस्प कथाएं हैं। वे महत्त्वपूर्ण घटनाओं व क्षणों का हिस्सा रही हैं। कल्पना कीजिए कि एक घड़ी चांद पर चली गई है और वापस आई है!
3. आप मुझे बिस्कोप घड़ी संग्रह करने वालों के अनोखेपन के बारे में बताएंगे?
यह अंतहीन है! हर एक का अलग व्यक्तित्व होता है। पिछले कुछ साल में हमें दरअसल कुछ बेहद दिलचस्प अनुरोध प्राप्त हुए हैं। एक ग्राहक ऐसी थी, जो चाहती थी कि फूलों और चमक-दमक को लेकर उसके प्यार को आकार दिया जाए। उसने हमसे कहा कि वह चाहती है कि उसकी घड़ी फूल जैसी नजर आए और जब वह घड़ी पहने तो उसकी पंखुडिय़ां चलती हुई नजर आएं। इस मांग के मुताबिक हमने 18 कैरेट सोने की घड़ी बनाई, जिसमें हीरे की उल्टी सेटिंग या डायल पर बर्फ की सेटिंग हो। इसके अलावा हमने अलंकृत पंखुडिय़ों से डायल तैयार किया, जिसमें हीरों के बैगुएट्स थे।
एक और खास डिजाइन की घड़ी हमने तैयार की, जिसमें ग्राहक चाहता था कि उसके गृह देश के प्रति उसका प्यार उसकी घड़ी में नजर आए। हमने इसे ‘लिबर्टी वाच’ नाम दिया है। सिल्वर अमेरिकन ईगल/लेडी लिबर्टी बुलियन क्वाइन (1 औस शुद्ध चांदी) के साथ डिजाइन की गई यह घड़ी अनोखी है। हमने सिक्के को आधे पर से काटा और इसका इस्तेमाल डायल पर ईगल के साथ किया। इसमें डायल पर ऊपर की ओर छोटा चक्रीय कटआउट लगाया गया, जो छोटी खिड़की जैसी नजर आती है। खिड़की के पीछे सिक्के का दूसरा हिस्सा लगा होता है, जो स्वतंत्रता को दिखाता है। इसके अलावा भी तमाम अनुभव हैं, जो हमारी यात्रा को दिलचस्प बनाते हैं।
4. जो लोग बिस्पोक घडिय़ों में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए आपकी सर्वोच्च क्या सलाह है?
बिस्कोप घडिय़ां यह बताती हैं कि आप क्या हैं! इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि इसके बारे में गहराई से सोचें, शोध करें और अपने विचार की योजना बनाएं। निश्चित रूप से हम इस प्रक्रिया में आपकी मदद करेंगे!
5. क्या आपकी सभी घडिय़ां बिस्पोक होती हैं?
नहीं। हम बिस्पोक घडिय़ां अनुरोध पर तैयार करते हैं। लेकिन हमारे पास बना बनाया संग्रह भी है और हम घडिय़ों के विशेष संस्करण भी तैयार करते हैं। इस समय हम बनी बनाई घडिय़ों का खुदरा कारोबार टाटा क्लिक लग्जरी के साथ अपनी वेबसाइट https://jaipur.watch/ के माध्यम से करते हैं। इसके अलावा लग्जरी होटलों, कुछ महंगे मालों और खास कार्यक्रमों के माध्यम से इसे उपलब्ध कराते हैं। ओबेरॉय ग्रुप आफ होटल्स के स्टोर्स में हमारी घडिय़ां मिलती हैं।
हम यहां अपने कुछ बने बनाए संग्रह की डिजाइन का उल्लेख करना चाहूंगा:
किंग्स रिस्टवीयर: यह फरवरी 2015 में तैयार की गई। यह अपने नाम किंग्स रिस्टवीयर के अनुरूप ही शाही है। यह ऐसी घड़ी है, जिसमें राजसी वैभव, उत्तम दर्जे और परिष्करण का समन्वय है। इस सीमित संस्करण के बिस्पोक की 500 घडिय़ां तैयार की गईं, जिसमें डायल के मध्य में ‘वन पीस क्वायन’ है। इस ‘आर्ट आफ योर रिस्ट’ की दुर्लभ घड़ी में इतिहास का दिलचस्प हिस्सा है। ब्रिटिश भारत की मुद्रा व्यवस्था में एक पैसे का सिक्का सबसे छोटा होता था और दिलचस्प है कि 1942 तक इस सिक्के का इस्तेमाल पूरे सिक्के के रूप में होता था। धातुओं और खनन की लागत बचाने के लिए 1943 के एक आदेश में तत्कालीन ब्रिटिश भारत सरकार ने फैसला किया कि सिक्के में एक छेद किया जाए। इसकी वजह से यह देखने में विशिष्ट लगता है।
हैंड पेंटेड : यह 2018 में आई। इस श्रृंखला में घड़ी के 65 डिजाइन हैं और एक डिजाइन की दो यूनिट हैं। परंपरागत गंजीफा पेंटिंग से प्रेरित हस्तशिल्प वाली ये घडिय़ां स्थानीय कुशल कलाकारों की कला का उत्कृष्ट नमूना हैं। ‘आर्ट ऑन योर रिस्ट’ कुशल स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार की गई हस्तशिल्प लग्जरी का सही उदाहरण है। इस घड़ी के प्रत्येक डायल के रूप व रंगों, पौराणिक कथाओं को दर्शाती या प्रकृति के सौंदर्य को दिखाती खास पैटर्न के मुताबिक पेंटिंग की गई है। इसमें प्रत्येक डायल का अपना चरित्र और आकर्षण है और इनकी अलग अलग कहानी है।
पीकॉक वाच : हमने जनवरी 2015 और फरवरी 2019 में इसके दो संस्करण पेश किए हैं। मोर के वास्तविक स्वरूप को डायल पर दिखाया गया है। दोनों संस्करण में इसे अलग अलग तरीके से दिखाया गया है। पहले संस्करण में हमने 50 यूनिट में 3 डिजाइन बनाए हैं और इस समय ये सभी घडिय़ां बिक चुकी हैं। इसी तरह दूसरे संस्करण में हमने 4 अलग अलग डिजाइन में 50 घडिय़ां बनाई हैं और ये हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
स्टांप कलेक्शन : इस सीमित संस्करण की स्टांप घडिय़ों में मैंने तीन पैसे के आकार के पोस्टल स्टांप का इस्तेमाल किया है, जो किंग जार्ज 6 के काल (1937-1940) के हैं। इसे हमने मुंबई में पुराने सिक्कों व स्टांप की प्रदर्शनी से खरीदा था। और जैसा कि मैंने कहा है, किंग जॉर्ज 6 के काल के सिक्के हमारे रुचि का विषय रहे हैं।
शिबोरी (शिव वाच): हिंदू पौराणिक कथाओं में शिव को सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह घड़ी शिव को समर्पित है। घड़ी में नीली 3डी डायल है, जिसमें भगवान शिव को उकेरा गया है। स्टेनलेस स्टील की 46 मिलीमीटर की यह घड़ी नीली पट्टी में है और यह घड़ी जापानी मियोटा स्वचालित गति आधारित है। इसमें रंगों का चयन देवता के सौंदर्यशास्त्र के मुताबिक किया गया है।
पिचवई वाच कलेक्शन : भारत के राजस्थान राज्य में छोटे ग्रामीण कस्बे नाथद्वारा की 400 साल पुरानी पेंटिंग पिचवई गूढ़ और देखने में मनमोहक हैं। इन पेंटिंग में ज्यादातर भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी कहानियां व उनके पात्र (गायें, कमल, राधा, गोपियां) चित्रित होती हैं। कला के इस रूप में समय, धैर्य व सावधानी से मनवांछित फल मिलता है। जेडब्ल्यूसी के लिए अनोखे पिचवई डायल तैयार करने में एक सप्ताह या इससे ज्यादा वक्त लग जाता है। हमें इसमें छोटे से छोटे ब्योरे को बेहतर तरीके से दर्ज करने होते हैं। हम विलुप्त होती कला को बहाल करने की कवायद कर रहे हैं और उन्हें बहुप्रतीक्षित पहचान दे रहे हैं। स्टेनलेस स्टील के डायल पर 46 मिलीमीटर की सुंदरता विभिन्न रंगों की पट्टियों में आती है और घड़ी जापान की मियोटा स्वचालित गति पर आधारित है।
हमारे कुछ विशेष संस्करणों के उदाहरणों में निम्नलिखित भी शामिल हैं:
पोलो: इसे जोधपुर पोलो सत्र के लिए दिसंबर 2015 में पेश किया गया। हमने दो डिजाइन में 300 घडिय़ां बनाईं, जो सभी बिक चुकी हैं। एक खास सीरियल नं 1 और सीरियल नं 2 जोधपुर के महामहिम महाराजा गज सिंह जी के पास है। दिल्ली गोल्फ क्लब : सीमित संस्करण की यह गोल्फ घड़ी ‘चैंपियंस फॉर एकाज- चैरिटी गोल्फ मैच’ के लिए पेश की गई थी, जो जुलाई 2020 में दिल्ली गोल्फ क्लब की धन जुटाने की कवायद के समर्थन में था।
दिल्ली गोल्फ क्लब 10 जयपुर वाच कंपनी गोल्फ संस्करण खासकर दिल्ली गोल्फ क्लब के लिए तैयार की गई थी। इसमें माणिक और पन्ना के ताज की पृष्ठभूमि वाला प्रतीक चिह्न उकेरा गया था। इसका सीमित संस्करण (10 घडिय़ां) 2 रंगों में उपलब्ध हैं, जो इस समय पूरी तरह बिक चुकी हैं।
पॉकेट वाच: हमने अप्रैल 2016 में पॉकेट वाच पेश की थी। इसकी सिर्फ 100 घडिय़ां आईं। यूरोप में 16वीं सदी में बनी पॉकेट वाच पहली ऐसी घडिय़ां थीं, जिन्हें अपने पास रखा जा सकता था। वह चरण क्लॉक और वाच के आकार में बदलाव का था। आज यह एंटीक स्टीमपंक एक्सेसरी के रूप में देखा जाता है, जिसका इस्तेमाल कई तरीके से हो सकता है- आप इसे गले में पहन सकते हैं, जेब में रख सकते हैं या अपने काम करने की मेज पर रख सकते हैं, जैसा भी आपको सुंदर लगे। जयपुर वाच कंपनी की स्टेनलेस स्टील पॉकेट वाच में स्केल्टन डायल लगा है, जो स्क्रैच प्रतिरोधी नीलम के क्रिस्टल के साथ आगे और पीछे की ओर दिखाई देता है। इसमें हैंड विंड मैकेनिकल मूवमेंट है, जिससे 50 घंटे का पॉवर रिजर्व मिलता है। 50 मिलीमीटर के गोल्ड प्लेटेड केस में लालित्य है, जिसके अंदर और बाहर जटिल नक्काशी की गई है।
6. आप एक टाइमकीपर हैं, ऐसे में आप को क्या लगता है कि आने वाली पीढ़ी मौजूदा दौर को किस तरीके से याद करेगी?
इस महामारी को 1918 के स्पेनिश फ्लू के बाद की सबसे गंभीर वैश्विक आपदा के रूप में याद किया जाएगा। मुझे लगता है कि लोग इससे मिली सीख को याद रखेंगे। अंत में हम सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे। परिवार और एकता के महत्त्व, जीवन और काम में संतुलन की जरूरत और समग्र जीवन में उन चीजों को वक्त देंगे, जिनकी उपेक्षा कर दी जाती थी, लेकिन उनकी बहुत जरूरत होती है।