पंजाब में जल्द ही आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण से पहले ही वो एक्शन में आ गए हैं वो दर्जनों नेताओं से उनकी सिक्योरिटी वापस लेने का आदेश दिया गया है। भगवंत मान का मानना है कि किसी नेता की सुरक्षा से अधिक जनता की सुरक्षा आवश्यक है। उनका ये भी मानना है कि पुलिस स्टेशन को खाली नहीं छोड़ सकते हैं ऐसे में सभी पुलिस कर्मी वहाँ हो तो बेहतर है। इस बड़े फैसले से कई बड़े नेताओं को बड़ा झटका लगा है जिनमें से एक पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू भी हैं।
भगवंत मान ने सरकार बनाने का दावा किया पेश
पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद पंजाब पुलिस ने राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सहित 122 पूर्व विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने वाले लगभग 400 पुलिस कर्मियों को वापस लेने की बात कही। इसपर भगवंत मान ने अपने बयान में कहा, “हाँ थाने खाली पड़े हैं। नेताओं के घरों के सामने जो सुरक्षा दी गई है जहां तंबू लगाकर पुलिस रह रही है उनसे पुलिस का ही काम लेंगे। 3 करोड़ से अधिक लोगों की सुरक्षा नेताओं से अधिक जरूरी हैं मैं ये सोचता हूँ।”
नेताओं के हाथ से छीनी जाएगी अब सिक्योरिटी
मनप्रीत सिंह बादल, राज कुमार वेरका, भारत भूषण आशु, रणदीप सिंह नाभा, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष अजैब सिंह भट्टी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राणा केपी सिंह, रजिया सुल्ताना, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह सुखबिंदर सिंह, राजा वारिंग जैसे नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। इस सूची में पंजाब कॉंग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा उनकी पत्नी नवजोत कौर का नाम भी शामिल है जिनकी सुरक्षा वपस ली जाएगी। इसके अलावा भगवंत मान ने कहा, ‘जीतने के बाद भी मैं लोगों के साथ काम करूंगा। चंडीगढ़ नहीं जाऊंगा। जैसे चुनाव के दौरान डोर टू डोर जाकर वोट मांगते हैं वैसे ही घर घर जाकर पंजाब सरकार काम करेगी।
16 मार्च को लेंगे शपथ
बता दें कि भगवंत मान ने शनिवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की थी और अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके आबाद भवगंत मान ने कहा कि उन्होंने विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा,जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। अब 16 मार्च को भगवंत मान सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण करेंगे।