मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जंग भीषण दौर से गुजर रही है और तीन महीने होने के बाद इसके रुकने के आसार नहीं दिख रहे हैं। एक तरफ यूक्रेन है जिसके हाथों में पश्चिम के दिए हथियार हैं तो वहीं दूसरी ओर रूस है जिसकी गद्दी पर पुतिन बैठे हैं जो जंग में जीत हासिल करने की कसम खा चुके हैं। हालांकि आने वाले दिनों में भी यह पुतिन के लिए आसान नहीं होगा। अमेरिका ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन को आधुनिक मिसाइल सिस्टम देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 700 मिलियन डॉलर के नए हथियार पैकेज के रूप में यूक्रेन को नया मिसाइल सिस्टम देने पर सहमति जताई है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या नया अमेरिकी हथियार यूक्रेन में गेम-चेंजर साबित होगा? अमेरिका के नए हथियार का नाम एचआईएमएआरएस मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम या एमएलआरएस है जो लंबी दूरी के टारगेट पर सटीकता से हमला कर सकता है। अमेरिका ने एचआईएमएआरएस (एम142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम) को 1990 के देशक के अंत में अपनी सेना के लिए विकसित किया था।
एचआईएमएआरएस लाइट मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर है जिसे एम1140 ट्रक फ्रेम पर लगाया गया था। एचआईएमएआरएस सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी, अपेक्षाकृत सस्ता और मजबूत व टिकाऊ मिसाइल सिस्टम है। यह सैकड़ों किलोमीटर तक एक साथ कई रॉकेट दाग सकता है। यूक्रेन की ओर से युद्ध में इस्तेमाल किए जा रहे सभी हथियारों की तुलना में एचआईएमएआरएस की मारक क्षमता सबसे ज्यादा है। यही वजह से यूक्रेन इन हथियारों को गेम चेंजर कह रहा है। यह दूसरे मल्टीपल रॉकेट सिस्टम की तरह ही हमला करता है। खास बात यह कि पहिये लगे होने के चलते इसे एक से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान है।
अमेरिका की ओर से दिए जा रहे सिस्टम की मारक क्षमता 80 किमी होगी जो अमेरिका की ओर से दिए गए एम777 होविज्टर की रेंज से करीब दोगुनी है। लेकिन अमेरिका ने यूक्रेन के आगे रूस के अंदर हमला करने के लिए इन मिसाइलों का इस्तेमाल न करने की शर्त रखी है। एचआईएमएआरएस की हर यूनिट में छह जीपीएस गाइडेड रॉकेट लोड हो सकते हैं जिसे रीलोड करने में करीब एक मिनट का समय लगता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को कितने रॉकेट सिस्टम दिए जाएंगे।
अमेरिका का एचआईएमएआरएस पहले ही यूरोप और नाटो सदस्य पोलैंड और रोमानिया के पास है। अमेरिका यूक्रेन को ATACMS टैक्टिकल मिसाइलों की सप्लाई नहीं करेगा जिसकी क्षमता 300 किमी है। कुछ विश्लेषक एचआईएमएआरएस को ‘गेम चेंजर’ बता रहे हैं। वहीं कुछ का कहना है कि यह हथियार तीन महीने से चल रहे युद्ध का रुख तत्काल मोड़ने में सक्षम नहीं होगा। कीव के समर्थन में अमेरिका फूंक-फूंक कदम रख रहा है। उसे डर है कि यूक्रेन को अमेरिका का सैन्य समर्थन युद्ध को और भड़का सकता है।