नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ED ने अरेस्ट कर लिया है। उनके दिल्ली वाले घर पर बुधवार सुबह 7 बजे ED की टीम पहुंची थी। 10 घंटे तक चली इस छापेमारी के बाद गिरफ्तार हुई। बताया जा रहा है, करीब 7-8 अधिकारी आबकारी नीति केस के सिलसिले में छानबीन कर रहे थे। आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। इस केस में मनीष सिसोदिया जेल में हैं।
ED की कार्रवाई को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा – इस केस में 1000 रेड पड़ चुकी हैं। संजय सिंह के घर पर कुछ नहीं मिलेगा। 2024 के चुनाव आ रहे हैं और वे जानते हैं कि वे हारेंगे। ये उनकी हताशा भरी कोशिशें हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, ED, CBI और जैसी सभी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी। दिल्ली में बीजेपी ने AAP पार्टी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। भाजपा के कार्यकर्ता अब तो ये स्पष्ट है, केजरीवाल भ्रष्ट है, वाले पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे। प्रदर्शनकारियों की मांग है केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
राघव बोले- ED को कोई सबूत नहीं मिला
AAP सांसद नेता राघव चड्ढा ने कहा- पिछले पंद्रह महीनों से भाजपा AAP कार्यकर्ताओं पर शराब घोटाले का आरोप लगा रही है। पिछले 15 महीनों में उसने ED और CBI से 1000 स्थानों पर छापे मारे हैं। किसी भी एजेंसी को एक भी पैसा नहीं मिला। यह हताश बीजेपी है जो आगामी चुनाव हारने वाली है, इसलिए वे डर के मारे ऐसा कर रहे हैं। संजय सिंह के घर मारे गए छापे में भी ED को एक भी पैसा नहीं मिला होगा, उन्हें कोई सबूत नहीं मिला, क्योंकि जब कोई घोटाला नहीं हुआ तो क्या मिलेगा।
संजय सिंह के पिता बोले- विभाग अपना काम कर रहा, हम सहयोग करेंगे
आप सांसद संजय सिंह के आवास पर ED की छापेमारी पर उनके पिता का कहना है, विभाग अपना काम कर रहा है, हम उनका सहयोग करेंगे। मैं उस समय का इंतजार करूंगा जब उनको क्लियरेंस मिल जाएगी।
इससे पहले 24 मई को इसी केस में संजय सिंह के करीबियों के यहां ED ने छापा मारा था। तब संजय सिंह ने कहा था- मैंने ED की फर्जी जांच को पूरे देश के सामने उजागर किया। आज मेरे सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घर ED ने छापा मारा है। सर्वेश के पिता कैंसर से पीड़ित हैं। ये जुर्म की इंतिहा है। चाहे जितना जुर्म करो लड़ाई जारी रहेगी।
सौरभ भारद्वाज बोले- यह एक काल्पनिक घोटाला है
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, यह एक काल्पनिक घोटाला है जिसमें पिछले 15 महीने से छान-बीन चल रही है। कम से कम 1 हजार जगहों पर ED और CBI छापेमारी कर चुकी है लेकिन कहीं से भी 1 रुपया बरामद नहीं हुआ।
AAP बोली- अडाणी का मुद्दा उठाया इसलिए छापेमारी
संजय सिंह के घर ईडी की छापेमारी को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा – संजय सिंह अडानी के मुद्दे पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं और इसी वजह से उनके आवास पर छापेमारी की जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों को पहले भी कुछ नहीं मिला और आज भी कुछ नहीं मिलेगा।
सांसद संजय राउत बोले- यह तानाशाही की हद है
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, संजय सिंह सांसद हैं और निर्भय पत्रकार रहे हैं। उनके घर में छापेमारी हो रही है। हमारे ऊपर छापेमारी होती है, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड में होती है लेकिन गुजरात, मध्य प्रदेश, असम और अन्य जहां उनकी (भाजपा) सरकार है उधर छापेमारी क्यों नहीं होती?
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा- बीजेपी भय-आतंक का माहौल बना रही
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, यह (BJP) सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर जोर-जबरदस्ती, दमन, भय और आतंक का माहौल पत्रकारों के खिलाफ और उन नेताओं के खिलाफ कायम करना चाहती है जो विरोधी दल के है, विशेषकर जो INDIA गठबंधन से जुड़े हैं। जिस तरह संजय सिंह के यहां छापेमारी हो रही है वह निंदनीय है।
जनवरी में ED की चार्जशीट में जुड़ा था संजय सिंह का नाम
इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। दरअसल मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। जिस पर ED ने जवाब दिया कि, हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी।
जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है।
संजय सिंह पर क्या है आरोप
ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है। इसको लेकर ही ED बुधवार को उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ कर रही है। दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। जिसमें में आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।
क्या है शराब नीति घोटाला, सिसोदिया पर टेंडर फीस माफ करने का आरोप
दिल्ली में पुरानी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था। इसमें L1 दुकानें DDA के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शॉपिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थीं।
दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं। इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था।
हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।
उपराज्यपाल और दिल्ली के CM को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार सिसोदिया ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना शराब नीति में बदलाव किया। जैसे कि कोरोना महामारी के नाम पर 144.36 करोड़ रुपए की टेंडर लाइसेंस फीस माफ करना।
आरोप है कि इससे शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचा। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इससे मिले कमीशन का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में किया। नई शराब नीति में तमाम खामियों के बाद चार महीन के भीतर ही नई शराब नीति को वापस ले लिया गया था।
मनीष सिसोदिया 103 दिन बाद बीमार पत्नी से मिले, 7 घंटे की जमानत मिली थी
दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया से 103 दिन बाद मुलाकात की। सीमा मल्टीपल स्केलेरोसिस नाम की बीमारी से जूझ रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया को पत्नी से मिलने के लिए 7 घंटे की जमानत दी थी।
कोर्ट ने सिसोदिया के खिलाफ सप्लिमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान, दिल्ली शराब नीति केस में समन जारी किया
दिल्ली शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ ED के सप्लिमेंट्री चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को समन भेजा है। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब नीति केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।