दिल्ली में अब केवल एक ही नगर निगम होगा। मंगलवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2022’ को मंजूरी दे दी। इस बिल में मौजूदा तीनों नगर निगम को एक करने का प्रावधान है। ये बिल इसी हफ्ते संसद में पेश भी किया जाएगा। यदि ये बिल संसद में पास हो जाता है तो केवल एक ही मेयर होगा और नॉर्थ, साउथ और ईस्ट के बदले केवल एक ही नगर निगम होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मोदी सरकार के फैसले के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
संसद में होगा विधेयक पेशकश
कहा जा रहा है कि दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक को संसद के चालू बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। बता दें कि MCD चुनावों की तारिख भी इसी कारण अभी तक घोषित नहीं हुई है। चुनाव आयोग ने ही जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार तीनों नगर निगम के विलय पर काम कर रही है। दिल्ली नगर निगम के चुनाव 18 मई से पहले करवाने हैं ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बिल को लेकर संसद में जल्दी फैसला लिया जा सकता है। कहा जा रहा है कि नगर निगम से दिल्ली सरकार के नियंत्रण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ये बड़ा बदलाव करने जा रही है।
AAP ने भाजपा पर लगाया बड़ा आरोप
मोदी कैबिनेट के इस बड़े फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए AAP ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। इसके साथ ही तय वक्त पर चुनाव कराने की मांग भी की है। इसके साथ ही भाजपा पर आरोप लगाया है कि बीजेपी MCD चुनाव हुए तो हार जाएगी इसलिए वो चुनावों में दखलंदाजी कर रही है।
सीएम का प्रभाव होगा कम
दिल्ली सरकार का नगर निगम में दखल कम करने के लिए मेयर इन काउन्सिल व्यवस्था बनाई जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो उसके पार्षदों को शहर के लोग सीधा चुनेंगे। वहीं इससे सीएम का प्रभाव भी कम माना जाएगा।