बड़ी खबर : नाराज कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर अपना बायो बदला, कांग्रेस शब्द हटाया

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में साफ तौर पर पार्टी के अंदर का घमासान खुलकर सामने आ गया. पार्टी दो खेमों में बंटी नजर आई. राहुल गांधी ने कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद पर सीधे निशाना साधा और कहा कि ये लोग बीजेपी से मिले हुए हैं. अब नाराज सिब्बल ने पहले तो राहुल को खूब खरी-खोटी सुनाई और अब ट्विटर पर अपना बायो बदल दिया है. उन्होंने बायो से कांग्रेस पार्टी का जिक्र हटा दिया है.

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में आरोप लगाया कि उनकी मां सोनिया गांधी जोकि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं, वो बीमार चल रही हैं और ऐसे में जिन लोगों ने उन्हें नेतृत्व परिवर्तन की चिट्ठी लिखी है, वो भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सांठगांठ कर चुके हैं. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी को जमकर लताड़ा और कहा कि अगर राहुल साबित कर दें कि बीजेपी से वे मिले हुए हैं तो इस्तीफा देने को तैयार हैं. राहुल के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर जमकर बरसी हैं. उन्होंने पत्र की आलोचना करते हुए कहा है कि अप्रत्यक्ष तौर ये नेता पार्टी के प्रति दोहरा चरित्र अपना रहे हैं.

कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने पार्टी के साथ उन्होंने को अदालतों में जीत दिलाई के साथ अपने ट्वीट में लिखा, “राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम बीजेपी के साथ हैं.”

आजाद ने राहुल को लताड़ा
इसके अलावा बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर यह साबित हो जाता है कि वह किसी भी तरह से बीजेपी से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे. आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी.

आपको बता दें कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके.

सोमवार को हुई इस बैठक में इस चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ, सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा करने से इनकार किया. साथ ही चिट्ठी लिखने वालों पर राहुल गांधी जमकर बरसे और उन्होंने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि चिट्ठी लिखने की टाइमिंग सही नहीं थी, क्योंकि इस वक्त पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में लड़ाई लड़ रही थी, साथ ही सोनिया गांधी भी बीमार थीं.

हालांकि, बाद में कपिल सिब्बल ने एक और ट्वीट करते हुए कहा- ‘राहुल गांधी ने व्यक्तिगत रूप से सूचित किया कि उन्होंने वो बातें (बीजेपी से सांठ-गांठ वाली) कभी नहीं कही जिसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया. इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं.’

कपिल सिब्बल के इस दूसरे ट्वीट पर अब सवाल उठ रहे हैं कि जब राहुल गाधी ने बीजेप से सांठगांठ वाली बात नहीं कही तो फिर उन्होंने राहुल के खिलाफ ट्वीट क्यों किया था और गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे की पेशकश क्यों की थी.

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