सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्भया गैंगरेप मामले पर दोषी अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि ‘मैं बहुत खुश हूं, और हमारा साथ देने के लिए सभी का धन्यवाद करती हूं।’ वहीं दोषी अक्षय ने कोर्ट को बताया कि वह राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका रखना चाहता है, जिसके लिए उसे तीन सप्ताह का समय चाहिए।
2012 Delhi gang-rape convict, Akshay Kumar Singh's counsel tells the Supreme Court that convict wants to file mercy petition before the President of India & seeks three weeks time to file it. https://t.co/XI5HmYM8fU
— ANI (@ANI) December 18, 2019
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim, to ANI on SC rejects review petition of convict Akshay: I am very happy. (file pic) https://t.co/XI5HmYM8fU pic.twitter.com/U6K3qQXiKa
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इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था, जिस कारण इसे बुधवार के लिए टालना पड़ा। इसके बाद मामले पर सुनवाई करने के बाद जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर अपना बड़ा फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान बेंच ने अक्षय के वकील ए पी सिंह को दलील रखने के लिए आधे घंटे का समय दिया था। बेंच के अन्य सदस्यों में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोपन्ना शामिल रहें।
आरोपी अक्षय के वकील ए पी सिंह ने कोर्ट से कहा कि इस केस में नए तथ्य हैं। उन्होंने अपनी दलील रखते हुए कहा कि ‘अक्षय को समाज, राजनीति और मीडिया के दबाव के कारण दोषी ठहराकर फांसी की सजा सुनाई गई और यह दबाव अब भी बना हुआ है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘यह वह मामला है, जिसमें अक्षय एक निर्दोष और गरीब व्यक्ति है।’
2012 Delhi gang rape case: Dr AP Singh, lawyer arguing for convict Akshay Kumar Singh, says that this case is a case, where Akshay is an innocent and poor man.
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ए पी सिंह ने बताया कि ‘मृत्युदंड, दंड की प्राचीन विधि है।’ उन्होंने कोर्ट से कहा कि ‘मृत्युदंड अपराधियों को मारता है, न कि अपराध को।’ उन्होंने कहा कि ‘मृत्युदंड का प्रयोग अपराधियों और दोषियों पर निवारक असर डालता नहीं दिखता है।’ ए पी सिंह ने कहा कि अक्षय को केस में फंसाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत में मृत्युदंड की सजा पर रोक लगाने की बात भी कही।
2012 Delhi gang rape case: Dr AP Singh, lawyer arguing for convict Akshay Kumar Singh, says capital punishment should be abolished in India; Akshay has been falsely implicated in this case. https://t.co/khydI77uob
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गौरतलब है कि चार में से एक दोषी अक्षय ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। तीन जजों की बेंच को इस याचिका पर मंगलवार दोपहर 2 बजे सुनवाई करनी थी। अक्षय को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इसकी सजा को दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। अक्षय ने पुनर्विचार याचिका में सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा पर फिर से विचार करने की मांग की है।
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ 5 हैवानों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना से सारा देश सहम उठा था। इस वारदात को अंजाम देने पर सुप्रीम कोर्ट चार आरोपियों को फांसी की सजा सुना चुकी है। निर्भया के परिजन इन आरोपियों को फांसी दिए जाने का इंतजार में हैं।