
बिहार। दरभंगा के डीएमसीएच में एक सनसनीखेज घटना घटी जहां एक पिता ने अपनी बेटी के अंतरजातीय विवाह (इंटरकास्ट शादी) से नाराज होकर दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी सहरसा जिले का रहने वाला है और उसने हत्या की पूरी योजना बनाई थी। घटना के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया।
डीएमसीएच में बीएससी नर्सिंग की एक छात्रा तन्नू प्रिया के लिए मंगलवार का दिन बेहद दुखद रहा। उसके प्रेमी राहुल की हत्या उसके ही पिता प्रेम शंकर झा ने की। तन्नू का अंतरजातीय विवाह उसके पिता के लिए असहनीय बन गया था। चार महीने से वह अपने दामाद से बदला लेने की योजना बना रहा था।
प्रेम शंकर, जो सहरसा जिले के महिषी थानाक्षेत्र के बनगांव का निवासी है, हत्या के इरादे से सुबह डीएमसीएच पहुंचा। उसने रेनकोट पहना हुआ था और चेहरे पर मास्क व काला चश्मा लगा रखा था। उसने पहले राहुल की बाइक के प्लग की तार काट दी। जब राहुल का सहपाठी बाइक की चाबी लेकर आया और उसे स्टार्ट करने की कोशिश की, तब राहुल भी नीचे आ गया।
प्रेम शंकर ने मौके का फायदा उठाते हुए गोली चला दी, जो सीधे राहुल के दिल में लगी और वह वहीं गिर गया। घटना के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया। जब पुलिस ने प्रेम शंकर को इमरजेंसी में भर्ती कराया, तो छात्रों ने उसे बेड सहित बाहर खींच लिया।
तन्नू जब घटना की जानकारी पाकर इमरजेंसी पहुंची, तो उसने अपने पति का शव और पिता को अधमरा देखा। उसकी आंखों में गुस्सा और नफरत साफ झलक रही थी। डीएमसीएच में इस तरह की हत्या पहली बार हुई है, जिससे यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
छात्र की मौत से साथी हुआ बेहोश, सभी करना चाह रहे थे ऑन द स्पॉट फैसला
बीएससी नर्सिंग के छात्र राहुल कुमार की हत्या से सभी छात्र मर्माहत थे। एक छात्र तो बेहोश होकर गिर गया। पुलिस के वीडियो बनाने से छात्र और अधिक उग्र हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्वयं डीएम कौशल कुमार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी, नगर एसपी अशोक प्रसाद, ग्रामीण एसपी आलोक कुमार, एडीएम अनिल कुमार, सदर एसडीओ विकास कुमार, जिले के पांच डीएसपी सहित लगभग एक दर्जन थाने की पुलिस दंगा नियंत्रण दस्ता के साथ तैनात रही।
पहले तो पुलिस मूकदर्शक बनी रही, लेकिन जब छात्रों ने कानून को हाथ में लेने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने जमकर लाठियां चटकाई। जो जहां मिला उसे खदेड़ दिया गया। इसके बाद जाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। तब जाकर लड़की के पिता आरोपित प्रेम शंकर झा को पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया। कोई अनहोनी ना ही इसे लेकर पुलिस भी साथ में गई है।
घटना से दो घंटे तक इमरजेंसी सेवा ठप रहा। शाम के साढ़े पांच बजे से लेकर साढ़े सात बजे तक गेट जाम रहा। इससे कोई गंभीर मरीज ना तो अंदर जा सका और ना ही काई बाहर निकल पाया। इलाज कर रहे नर्स सहित सभी कमी को बाहर निकाल दिया गया। यहां तक किसी नए मरीज का निबंधन भी नहीं करने दिया गया।
पहले से भर्ती मरीज को स्वजन दवा भी बाहर लाकर नहीं दे पा रहे थे। जो बाहर थे वे अंदर जाने के लिए बेचैन थे। लाठी चार्ज से मरीजों में भगदड़ की स्थिति हो गई। सभी इधर-उधर भागने लगे। उस दौरान आए कुछ मरीज भी निजी अस्पताल में जाने को विवश हो गए।
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