बिजनौर: एडीजी के संज्ञान में आने से वर्षों से बंद पासपोर्ट की एलआईयू जांच जल्द होगी शुरू

शहज़ाद अंसारी

बिजनौर। पिछले कई वर्षों से पासपोर्ट बनवाने में एलआईयू जांच न होने से पासपोर्ट बनवाने की जनपद बिजनौर में महज प्रक्रिया खानापूर्ति ही हो रही जिससे सिर्फ एक स्तरीय पुलिस की जांच में आपराधिक किस्म के लोग पूरा फायदा उठा रहे हैं और पासपोर्ट बनवाने में कामयाब हो रहे है। एडीजी बरेली जोन राजकुमार व एसपी बिजनौर डॉ धर्मवीर सिंह के सामने यह मामला आने पर उन्होंने पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में एलआईयू की जांच शुरू कराने का आश्वासन दिया। जनपद बिजनौर में पासपोर्ट बनवाना बेहद आसान और विशेषकर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए आसान हो गया है क्योंकि पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में पिछले कई वर्षों से जनपद में एलआईयू की जांच न होने से आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पूरा पूरा फायदा उठा रहे हैं और पुलिस की जांच में महज खानापूर्ति होने से आसानी से पासपोर्ट बनवाने में कामयाब हो जाते हैं और यहां आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर विदेश भागने की राह आसान हो जाती है। 2017 में तत्कालीन एसपी प्रभाकर चैधरी ने किन्हीं कारणवश पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में एलआईयू की जांच पर रोक लगा दी थी जो वह अब भी बादस्तूर जारी है। पुलिस की एक स्तरीय जांच में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है जिसमे पासपोर्ट के आवेदनकर्ता को थाने के ऑफिस में बुलाकर सारी जांच प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है क्योंकि पुलिस की अन्य कार्यों वीआईपी ड्यूटी, अपराध नियंत्रण, चुनाव आदि की जिम्मेदारियों का बोझ भी है। छत्रपति शिवाजी नगर पुलिस चैकी के लोकार्पण के मौके पर आए एडीजी राजकुमार व एसपी डॉ धर्मवीर सिंह के समक्ष पत्रकार वार्ता में यह मुद्दा वरिष्ठ पत्रकार शहजाद अंसारी ने उठाते हुए दोनों वरिष्ठ पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में जब लाया गया तो उन्होंने पूरा आश्वासन देते हुए पासपोर्ट के बनवाने की प्रक्रिया में एलआईयू की जांच शुरू करवाने का आश्वासन दिया। हैरत की बात है कि जनपद बिजनौर का यह महत्वपूर्ण मामला पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में नहीं था जबकि उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में द्विस्तरीय पासपोर्ट की जांच पुलिस और एलआईयू दोनों से कराई जाती है वहीं जनपद बिजनौर में मात्र पुलिस जांच से पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में जांच में सिर्फ पुलिस जांच ही चली आ रही है ।