अभिनेता शक्ति कपूर फिल्मों में खलनायक की भूमिका के लिए प्रसिद्द है। फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने के बावजूद शक्ति ने दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है। शक्ति आज अपना 61 वां जन्मदिन मना रहे है। शक्ति कपूर का जन्म 3 सितम्बर 1958 को दिल्ली में हुआ था। उनके बचपन का नाम सुनील कपूर था। शक्ति ने अपनी पढाई दिल्ली में ही पूरी की। इसके बाद उन्होंने पुणे फिल्म्स एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इण्डिया से अभिनय की शिक्षा प्राप्त की।
शक्ति कपूर के पिता एक दर्जी का काम करते थे। उनकी दुकान पर बॉलीवुड की भी कई हस्तियां आती -जाती थी। इसी क्रम में एक दिन सुनील दत्त की नजर शक्ति कपूर पर पड़ गई। उस समय सुनील दत्त फिल्म रॉकी बना रहे थे। शक्ति कपूर से उनका नाम पूछा और उन्हें फिल्म रॉकी के लिए विलेन का रोल ऑफर किया। लेकिन सुनील दत्त को विलेन के रूप में उनका नाम जचां नहीं। उन्होंने उनका नाम सुनील कपूर से बदलकर शक्ति कपूर रख दिया। लेकिन इस फिल्म से पहले ही शक्ति कपूर को फिरोज खान की फिल्म क़ुरबानी में अभिनय करने का अवसर मिल गया। इस फिल्म के साथ ही शक्ति ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद आई उनकी फिल्म रॉकी। इस फिल्म में शक्ति ने विलेन की भूमिका निभाई थी।
शक्ति कपूर की खलनायक की भूमिका वाली यह दोनों फ़िल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसके बाद शक्ति कपूर ने अपनी कड़ी मेहनत से बॉलीवुड में एक मकाम हासिल किया। बॉलीवुड में 80 -90 के दशक में वह फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने के लिए निर्देशकों की पहली पसंद थे। उन्होंने फिल्मों में खलनायक की भूमिका के साथ-साथ हास्यास्पद भूमिकाएं भी निभाई हैं। फिल्म राजा बाबू में नंदू का किरदार निभाने वाले शक्ति कपूर का डायलॉग ‘नंदू सबका बंधू ,’समझता नहीं है यार ‘ आज भी दर्शकों की जुबान पर है। इस फिल्म में उनके कॉमिक रोल के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट कॉमेडियन का पुरस्कार भी मिला
। उनकी बेस्ट कॉमिक फिल्मों में इंसाफ, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी, अंदाज अपना अपना, तोहफा, राजाबाबू, चालबाज, बोल राधा बोल शामिल हैं। उनकी फिल्म अंदाज अपना अपना में क्राइम मास्टर गोगो का अभिनय जहां दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया। वहीं इस किरदार ने दर्शकों के दिलों पर अपनी अलग छाप भी छोड़ी। खलनायक की भूमिका में उनकी फिल्म क़ुरबानी ,हिम्मतवाला,हीरो,गुंडा,अंगारे आदि दर्शकों को बहुत पसंद आई। शक्ति कपूर ने बॉलीवुड में अब तक 700 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है।
सुनील दत्त ने दिया फर्स्ट चांस
उनकी शॉप पर हिन्दी फिल्मों के बड़े सितारे आया करते थे। एक दिन सुनील दत्त ने सुनील कपूर को देखा और अपनी फिल्म रॉकी के लिए विलेन के रूप में काम करने का ऑफर दिया। परन्तु सुनील दत्त को विलेन के रूप में सुनील कपूर नाम नहीं जमा और उन्होंने एक नया नाम शक्ति कपूर दिया। इस नाम के साथ शक्ति कपूर की दो फिल्में ‘रॉकी’ और ‘कुर्बानी’ आई, दोनों ही सफल रही और शक्ति कपूर एक कामयाब विलेन के रूप में स्थापित हो गए। इसके बाद शक्ति कपूर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
एक्सीडेंट से मिली इंडस्ट्री में पहचान
बात उन दिनो की है जब वह फिल्मों में स्ट्रगल कर रहे थे। तभी एक दिन वो एक सड़क हादसे का शिकार हो गए। अपनी गाड़ी से किसी काम के लिए जा रहे शक्ति की टक्कर एक आलीशान कार से हुई जिससे शक्ति की गाड़ी का काफी नुकसान हुआ। अपनी गाड़ी की ऐसी दुर्दशा देख कर वह दूसरी गाड़ी वाले से उसका हर्जाना मांगने लगे। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि उस गाड़ी से कौन बाहर निकला। उस दिन शक्ति कपूर की गाड़ी और किसी से नहीं बल्कि दिग्गज एक्टर फिरोज खान की गाड़ी से टकराई थी। उस वक्त फिरोज खान फिल्म ‘कुर्बानी’ बनाने की तैयारी कर रहे थे और विलेन की तलाश में थें। उस दिन हादसे के बाद फिरोज वहां से चले तो गए लेकिन उनके जेहन में शक्ति कपूर की छाप रह गई। जिसके बाद उन्होंने तय किया कि उनकी फिल्म के विलेन शक्ति ही होंगे। फिल्मों में दमदार रोल के लिए जद्दोजहद कर रहे शक्ति के लिए फिल्म न ‘कुर्बानी’ का ये रोल उनके कॅरियर के लिए गेम चेंजर साबित हुई।