कानपुर । कानपुर की भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला के पति अंकित शुक्ला ने सरेंडर कर दिया। शुक्रवार दोपहर वह स्कॉर्पियो से अपने समर्थकों और 4 अन्य आरोपियों के साथ ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के दफ्तर आया। वह चश्मा लगाए हुआ था। वहां पहले से ही अंकित की पत्नी सौम्या और सतीश महाना के करीबी भाजपा नेता राकेश तिवारी मौजूद थे।
उन्हीं की मौजूदगी में अंकित, सत्येंद्र वाजपेई, अंकुर सिंह, यशस्वी शुक्ला और सूरज तिवारी ने सरेंडर किया। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर थाने गई है। अब वहां से रायपुरवा थाने भेज दिया जाएगा। अंकित शुक्ला पर 25 हजार का इनाम था। वह 5 दिन से फरार था।
अंकित ने 24 सितंबर यानी रविवार रात को जीटी रोड पर दवा व्यापारी अमोलदीप सिंह की बुरी तरह से पिटाई की थी। वह अपने साथियों के साथ अमोलदीप को इतना मारा था कि उनकी दोनों आंखों में गंभीर चोट आई थी। डॉक्टर्स ने कानपुर से अमोलदीप को दिल्ली के लिए रेफर कर दिया था। दोनों में गाड़ी की टक्कर के बाद विवाद हुआ था। इस मसले पर ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि दोनों पक्ष बारी-बारी से आकर मिले हैं। CCTV और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चलिए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं पार्षद पति के सरेंडर की पूरी कहानी
कानपुर के भाजपा नेता अंकित शुक्ला का शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस में बेहद नाटकीय ढंग से सरेंडर हुआ। पत्नी पार्षद सौम्या शुक्ला करीब दोपहर 12:30 बजे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना गुट के नेता राकेश तिवारी, व्यापारी नेता विनोद गुप्ता, सतीश महाना के पीआरओ और कई पार्षदों के साथ पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंची। सीधे पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार के दफ्तर पहुंची, लेकिन वह ऑफिस में मौजूद नहीं थीं। इसके बाद सभी लोग ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। पार्षद बार-बार कह रहीं थी कि मैं ब्राह्मण की बेटी हूं, हिंदुओं की कोई सुनने वाला नहीं है। सिखों ने जबरन इसे मुद्दा बना लिया है। मेरे साथ छेड़खानी हुई ये कोई देखने वाला नहीं है। मेरी FIR क्यों नहीं दर्ज की जा रही है?
पार्षद और उनके साथ मौजूद JCP आनंद प्रकाश तिवारी के पास बैठकर चर्चा कर रही रहे थे कि तय स्क्रिप्ट के मुताबिक भाजपा नेता अंकित शुक्ला फिल्मी स्टाइल में अपने फरार चार अन्य साथियों के साथ सरेंडर कर दिया। कई बार पूछने पर भी भाजपा नेता ने पूरे मामले में कोई सफाई या जवाब नहीं दिया। इसके बाद पांचों को रायपुरवा थाने भेज दिया गया। जहां से कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
पुलिस ने किरकिरी से बचने के लिए जारी किया अरेस्टिंग का प्रेस नोट
भाजपा नेता अंकित शुक्ला ने अपने चार आरोपी साथियों के साथ पुलिस कमिश्नर ऑफिस में सरेंडर किया। बकायदा इसका वीडियो भी जारी हुआ। लेकिन कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने अपनी इज्जत बचाने के लिए प्रेस नोट जारी किया है। इसमें लिखा है कि फरार 25 हजार के इनाम भाजपा नेता अंकित शुक्ला व अन्य की तलाश में पुलिस ऑफिस के पास थी। इस दौरान वहां से आरोपियों को अरेस्ट कर लिया।
घटना से जुड़ा विडियो आया सामने
शुक्रवार यानी आज घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया। इसमें गंभीर रूप से घायल अमोलदीप कार के पास खड़े हैं। इतना ही नहीं, अंकित और उनके समर्थक पुलिस के सामने दबंगई करते दिख रहे और रायपुरवा थाने की पुलिस उन्हें रोक भी नहीं रही। पुलिस से भीड़ बार-बार कह रही है कि उनकी हालत देखिए, यहां क्या तमाशा देख रहे हैं।
पार्षद पति अंकित शुक्ला समेत सभी आरोपी पुलिस के सामने ही थे, लेकिन इतनी गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी पुलिस ने भाजपा नेता के रसूख के चलते हाथ नहीं लगा सकी थी। मारपीट करने के बाद आरोपी भाजपा पार्षद मौके से पुलिस के सामने ही भाग निकले थे। DCP सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि वायरल वीडियो को जांच में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही मारपीट से संबंधित उनके पास भी CCTV फुटेज हैं। इन सभी तथ्यों को जांच में शामिल किया है।
पहली बार बोले पिता- मेरे बेटे की आंख फोड़ दी, अब वो हर रोज मरेगा
इससे पहले अमोलदीप के पिता कमलजीत सिंह ने कहा, ”किसी को एक बार मार दो तो वो मर जाता है। लेकिन, मेरे बेटे की आंख फोड़ दी, उसे दिखना बंद हो गया है। अब वो हर रोज मरेगा। मेरे बेटे के साथ जो हुआ, वो किसी के साथ न हो। लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि समाज के लोग मेरे साथ आए। हिंदु, मुस्लिम सभी भाई मेरे साथ खड़े हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी मेरा साथ दिया, उसके लिए भी धन्यवाद दूंगा।”
सत्यदेव पचौरी मुझे गर्व है कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं
पार्षद पति के सरेंडर के बाद कानपुर से भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा मुझे गर्व है कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं, और भाजपा का कार्यकर्ता हमेशा सत्य का साथ देता है।