अवैध कॉलोनियों मे दिए जा रहे वैध बिजली के कनेक्शन की उच्चाधिकारियों से की शिकायत
भास्कर समाचार सेवा
मुरादनगर। अपनी ही सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं को ही आवाज उठानी पड़ रही है। लेकिन उनकी आवाज भी नक्कारखाने में तूती की तरह खो जाती है। अवैध कॉलोनियों से विद्युत विभाग मालामाल हो रहा है। कितना माल विभागीय अधिकारी कर्मचारी हजम कर रहे हैं। और अंश मात्र विभाग को भी दे रहे हैं। सरकार अवैध कालोनियां नहीं बसने देने को लेकर संकल्पित है। लेकिन सरकार के ही विभाग सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। मुरादनगर क्षेत्र में जलालपुर, रोड रावली रोड ,असालत नगर, जलालपुर रघुनाथपुर, रोड, सरना , सहविश्वा, लाइनपार, देधा ,कनौजा, रोड पर प्रॉपर्टी डीलर बिना गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से स्वीकृत कराए ही प्लाटिंग कर रहे हैं। विकास प्राधिकरण के अधिकारी कभी-कभी बुलडोजर लेकर भी निकलते हैं। लेकिन उनसे कॉलोनियों का विकास नव निर्माण रुकने के बजाय बढ़ ही रहे हैं। ऐसा कैसे हो रहा है यह तो विभागीय अधिकारी ही जवाब दे सकते हैं। जिन कालोनियों को सरकार का एक विभाग अवैध घोषित कर रहा है। दूसरा बिजली विभाग वहां धड़ल्ले से कनेक्शन दे रहा है। बुलडोजर टीम आती है। कुछ ईंट इधर-उधर बिखेरती है। लेकिन वह ईंटें दोबारा यथा स्थान लग जाती हैं। कॉलोनी का बिजली कनेक्शन ग्राहक को यह विश्वास दिलाने के काम आता है कि कॉलोनी वैध है और प्लाट लेने वाले भी इस झांसे में आ जाते हैं। इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के वार्ड 13 के सभासद रवि कुमार ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर गंभीरता से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र के साथ विभाग द्वारा अवैध कालोनियों में दिए गए विद्युत कनेक्शनों का विवरण तथा फोटो भी साझा किए हैं। उन्होंने ने बताया कि विद्युत विभाग में बड़े पैमाने पर घपला हो रहा है। उसकी जांच कराने पर सच्चाई सामने आ सकती है। सत्ताधारी पार्टी के पालिका सभासद का आरोप है, कि शहर में बिजली की पुरानी लाइनें जर्जर हो चुकी हैं, हादसों का खतरा बना हुआ है। लोग घरों में कनेक्शन लेने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें कनेक्शन नहीं दिए जा रहे उनसे भी कनेक्शन देने के लिए मोटे पैसे मांगे जा रहे हैं। ना देने वालों के कनेक्शन की फाइल घूमती ही रहती है। कनेक्शन लेने के लिए आम उपभोक्ता की चक्करघिन्नी बनाई जाती है। और कॉलोनियों में घंटों मात्र में कनेक्शन लग जाता है। लाइने फैल जाती हैं। इस बारे मे अधिशासी अभियन्ता बह्मानंद का कहना है कि बिजली विभाग के नियम अनुसार जो भी व्यक्ति कागजी कार्रवाई पूरी करेगा। विभाग उस व्यक्ति को बिजली कनेक्शन देता है। ना ही जीडीए ने अवैध कॉलोनियों के बारे लिखित में सूचना दी है।