नई दिल्ली। भाजपा ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक तस्वीर पोस्ट की और उन्हें नए जमाने का रावण बताया। पार्टी ने लिखा- नए जमाने का रावण यहां है। वे दुष्ट, धर्म और राम विरोधी हैं। उनका एक मात्र लक्ष्य देश को बर्बाद करना है। भाजपा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जो पोस्टर जारी की है, उसमें राहुल के 7 सिर दिखाए हैं। इस पर लिखा है- भारत खतरे में है। तस्वीर के ठीक नीचे बड़े अक्षरों में रावण लिखा हुआ है। इसके नीचे अंग्रेजी में A CONGRESS PARTY PRODUCTION डायरेक्टेड बाय जॉर्ज सोरोस लिखा गया है।
भाजपा ने राहुल को सोरोस से क्यों जोड़ा
भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस के लोग कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए थे। इसके अलावा भाजपा नेताओं ने ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ नाम के एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) का नाम लिया है। भाजपा नेताओं का दावा है कि यह NGO अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस की ओर से वित्त पोषित है और इसके उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए थे।
17 फरवरी को भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट किया जिसमें सलिल शेट्टी राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में एक साथ दिख रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के एक और प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसी तारीख को एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें प्रवीण चक्रवर्ती के नाम का जिक्र किया। चक्रवर्ती भी मोदी विरोधी माने जाते हैं।
स्मृति ईरानी ने राहुल पर क्या आरोप लगाए
दरअसल, 28 जून को स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। स्मृति ने कहा था- राहुल गांधी अपने अमेरिका दौरे पर जॉर्ज सोरोस के करीबियों से मुलाकात की थी। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों के एक कार्यक्रम की मेजबानी में इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका के तंजीम अंसारी की भागीदारी के लिए भी राहुल पर हमला बोला और कहा कि अंसारी का जमात-ए-इस्लामी के साथ संबंध है।
जॉर्ज सोरोस ने कहा था- मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं
जॉर्ज सोरोस अमेरिका के बिलेनियर कारोबारी हैं। सोरोस ने 8 महीने पहले म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है।
सोरोस ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भी PM मोदी पर निशाना साधा था। सोरोस ने दोनों मौकों पर कहा था कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने की तरफ बढ़ रहा है। दोनों ही मौकों पर उनके बयान बेहद तल्ख थे और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते दिखाई दिए थे।
‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ के जरिए सोरोस की 100 देशों तक पहुंच
सोरोस ने 1993 में ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ की शुरुआत की। इसके जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और मानवाधिकार के क्षेत्र में काम किया और करीब 100 देशों में पहुंच बनाई। उनकी वेबसाइट पर दावा किया गया है कि वह अब तक 32 अरब डॉलर दान कर चुके हैं। वो कई दूसरी इंटरनेशनल संस्थाओं को भी फंड करते हैं।
सोरोस की संस्था ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की। पहले ये भारत में रिसर्च करने वाले स्टूडेंट को स्कॉलरशिप देती थी। 2014 में ओपन सोसाइटी ने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को आर्थिक सहायता देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी।
जयशंकर ने सोरोस को बूढ़ा, जिद्दी और खतरनाक बताया था
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के बिलेनियर कारोबारी जॉर्ज सोरोस को बूढ़ा, अमीर, जिद्दी और खतरनाक बताया था। जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में कहा था- ऐसे लोगों को लगता है कि अगर उनकी पसंद का व्यक्ति चुनाव जीतता है, तो वो चुनाव अच्छा था, लेकिन अगर नतीजा कुछ और निकले तो वो देश के लोकतंत्र में खामियां ढूंढ़ने लगते हैं।
स्मृति ईरानी ने कहा था- भारत की डेमोक्रेसी में दखल की कोशिश
सोरोस के बयान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि विदेशी धरती से भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। यह भारत की डेमोक्रेसी में दखल देने की कोशिश है। सोरोस के बयान का कांग्रेस ने भी विरोध किया था।
अमेरिकी अरबपति की भारत में सरकार बदलने की चाहत:कौन है ‘बूढ़ा, जिद्दी और खतरनाक अमीर’ जॉर्ज सोरोस?
अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और भारत में जल्द ही एक लोकतांत्रिक बदलाव की उम्मीद जताई थी। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस बयान की निंदा की। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मैं पहले भी जॉर्ज सोरोस की ज्यादातर बातों से सहमत नहीं था और आज भी नहीं हूं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तो सोरोस को बूढ़ा, जिद्दी, अमीर और खतरनाक बताया है।