राजीव शर्मा
लोकसभा चुनाव की आहट से पहले भाजपा ने जातीय आंकडे बैठाना शुरू कर दिया है। हाथरस से गौरव आर्य के जिलाध्यक्ष बनने पर अलीगढ की राजनीती भी गरमा गई है। पिछडा वर्ग को साधने के लिये संगठन में जगह देने पर विचार किया जा रहा है।
जिला अलीगढ में हाथरस संसदीय सीट के दो विधानसभा शामिल हैं। इसमें छर्रा और इगलास शामिल हैं। यह दोनों सीट विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में गई थीं। इसमें इगलास जाट बाहुल्य है और छर्रा में पिछडा वर्ग भारी है। एक पिछडा वर्ग जाति पर सपा और एक और पिछडा वर्ग जाति पर भाजपा का दबदबा है। अलीगढ में दो विधानसभा सीट जिसमें इगलास और खैर में भाजपा के दलित विधायक हैं।
शहर सीट पर वैश्य समाज के विधायक हैं
हाथरस में हर जाति के सवर्ण पर निगाह लगाई जा रही हैं। विधानसभा सिकंदराराउ से क्षत्रीय समाज के विधायक है। जिलाध्यक्ष भी क्षत्रीय समाज के थे। दरअसल भाजपा का परम्परागत वोट बैंक वैश्य समाज का माना जाता है। इसलिये इस वोट बैंक में कोई सेंध नहीं लगा सके इसके लिये गौरव आर्य को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। माना जाता है कि गौरव शुरू से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडे रहे हैं। आरएसएस से नजदीकी संपर्क हैं।
पिछडा वर्ग को दिया जा सकता है संगठन में स्थान
भाजपा में पिछडा वर्ग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। लोकसभा चुनाव में पिछडा वर्ग एकजुट हो गया तो भाजपा की नैया का पार होना मुश्किल है। इसलिये भाजपा संगठन में महामंत्री का ताज किसी पिछडा वर्ग को पहना सकती है।
ब्राहमणों को भी साधने की जुगत
हाथरस में ब्राहमण मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। भाजपा संगठन में कोई खास ब्राहमण नहीं है। परशुराम जयंती पर अस्सी से अधिक समाज के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था। माना जा रहा है कि नवागत जिलाध्यक्ष ने ब्राहमण समाज के लोगों को साथ लेना शुरू कर दिया है। यही वजह है नवागत जिलाध्यक्ष रविवार की सुबह सासनी में दाउदयाल शर्मा के आवास पर आये।