नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। लेकिन इस मुद्दे पर अदालत के बाहर राजनीतिक हलचल तेज है। विहिप और दूसरे संगठन इस बात के प्रबल पक्षधर हैं कि अब इस मुद्दे को ज्यादा दिन तक टाला नहीं जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ सुन्नी बोर्ड और दूसरे संगठनों का कहना है कि बिना उनकी दलीलों पर गौर किए बिना सुप्रीम कोर्ट को फैसला देने से बचना चाहिए। इसके साथ ही वो कहते हैं कि एक तरह से बीजेपी 2019 के आम चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बना रही है। लेकिन तेलंगाना के बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन लोगों से वादा किया है कि राम मंदिर का निर्माण 2019 से पहले शुरू हो सकता है।
तेलंगाना बीजेपी से जुड़े एन आर राव का कहना है कि
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि है कि पार्टी राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है हालांकि ये मामला अभी अदालत में है। एन आर राव बताते हैं कि अमित शाह का कहना है कि वो व्यक्तिगत तौर पर वो चाहते हैं कि वहां मंदिर बनना चाहिए और 2019 से पहले मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
Yesterday he said, BJP is committed to Ram temple&now matter is sub judice. Personally, he wants it to be made & hopefully process may begin before 2019 polls because of circumstances relating to courts&other aspects: NR. Rao, BJP on Amit Shah's meeting with Telangana BJP leaders pic.twitter.com/2nhmdM6STk
— ANI (@ANI) July 14, 2018
लेकिन बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि तेलंगाना में बीजेपी अध्यक्ष ने राम मंदिर के संबंध में किसी तरह का बयान नहीं दिया था। यहां तक कि राम मंदिर का मुद्दा एजेंडे में भी नहीं था।
Yesterday in Telangana, BJP President Shri @AmitShah didn’t make any statement on the issue of Ram Mandir as being claimed in certain sections of the media. No such matter was even on the agenda.
— BJP (@BJP4India) July 14, 2018
बीजेपी कार्यकर्ताओं के बयान पर राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सिर्फ अनुमान लगाया है। जहां तक वो सोचते हैं देश के विकास के लिये इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने की आवश्यकता है। वो मानते हैं कि इस विषय पर मुस्लिम समाज को आगे आना चाहिए।
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इससे पता चलता है कि बीजेपी किस एजेंडे पर आगे बढ़ रही है। ओवैसी कहते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट में टाइटल विवाद को लेकर मामला चल रहा है तो क्या अमित शाह फैसला लिखेंगे। यही नहीं शाह ने यहां तक कहा है कि 2019 आम चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए अदालत को 2019 से पहले राम मंदिर मुद्दे पर फैसला देना चाहिए।
AShah in Hyd says Mandir will be built b4 the Parl elections
Qs is Shah going to write the judgment when the SCourt is deciding the Title dispute,& whether Masjid is essential feature of Islaam
It is better if the issue / Judgment given after Parl Elections for free & fair Elec— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 14, 2018
यूपी सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वक्फ बोर्ड राम मंदिर निर्माण के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई एक तिहाई जमीन को वो हिंदुओं को देना चाहते हैं। देश की एकता और अखंडता के लिए, शांति और समृद्धि के लिए वक्फ बोर्ड इस पक्ष में है कि मुस्लिमों के हिस्से वाली जमीन को हिंदुओं को दे दिया जाए।
There was never a Masjid on that site in Ayodhya and there can never be a Masjid there. It is the birthplace of Lord Ram and only a Ram Temple will be built. Sympathizers of Babar are destined to lose: Waseem Rizvi,UP Shia Central Waqf Board Chairman pic.twitter.com/d30C5GqYOs
— ANI (@ANI) July 13, 2018
बता दें कि इस मामले में 20 जुलाई तक सुनवाई स्थगित है। 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और हिंदू महासभा द्वारा रामलीला के पक्षकारों के बीच जमीन की एक तिहाई टुकड़े देने को कहा था। ये बात अलग है कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।