भाजपा के माइक्रोप्लान से कुंद होगी गठबंधन की धार…  

शाह का दो दिवसीय यूपी प्रवास 4 से, पीएम मोदी का काशी दौरा 15 जुलाई से, कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर जोर  

योगेश श्रीवास्तव 

लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में सपा- बसपा के संभावित गठबंधन की आंशका को देख भारतीय जनता पार्टी ने भी रणनीति बनाना आरंभ कर दिया है। इसके लिए भाजपा एक ऐसा माइक्राप्लान तैयार कर रही है जिससे गठबंधन का प्रभाव धराशाही हो जाए। इसी प्लान को अमली जामा पहनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 4 जुलाई से दो दिवसीय प्रवास पर यूपी आ रहे हैं। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी भी 15 एवं 16 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रवास कर इस प्लान को और मजबूती देने का काम करेंगे। इस पूरे प्लान का फोकस कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर रहेगा।

80 सांसदों वाला यूपी मिशन 2019 के लिए काफी अहम

भाजपा को यह अच्छी तरह से पता है कि 80 सांसदों वाला यूपी मिशन 2019 के लिए काफी अहम है। अगर यूपी फिसल गया तो सरकार बनाने में दिक्कत आ सकती है। वर्तमान में जो सियासी हवा बह रहीं है वह भाजपा के लिए अनकूल नहीं है। इसीलिए भाजपा यूपी को पुन: 2014 एवं 2017 की तरह मोदीमय बनाने का प्रयास कर रही है। क्योंकि यूपी में भाजपा का रथ रोकने के लिए सपा एवं बसपा एक साथ आने का ऐलान कर चुके हैं। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा के लिए मुश्किलेंं बढ़ सकती है। भाजपा ने भी इस चुनौती को स्वीकार कर गठबंधन की काट निकालने के साथ हमलावर हो गयी है। इसके लिए भाजपा मोदी एवं योगी सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने के साथ ही सपा एवं बसपा के कालेकारनामों का कच्चा चिठ्ठïा भी एकत्र कर रही है। जिसे समय समय पर जनता के समक्ष पेश कर गठबंधन की धार को कुंद किया जा सके।

गठबंधन की हवा को बेदम करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 4  एवं 5  जुलाई को यूपी प्रवास पर आ रहे हैं। 4  को वह वाराणसी में काशी, गोरखपुर एवं अवध क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों का फीडबैक लेंगे। इसी तरह वह 5  जुलाई को आगरा में बृज, पश्चिम एवं कानपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में संध के विस्तारक, स्थानीय विधायक एवं सांसद भी शामिल होंगे। इसमें संगठन की बूथ स्तर पर समीक्षा करने के साथ ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी एवं आपसी गुटबाजी को समाप्त करने का प्रयास किया जायेगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों का प्रभाव एवं मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी। इस दौरान शाह पार्टी के आईटी सेल की भी बैठक करेंगे। जिसमें लोगों से संवाद कायम करने एवं किन मुदें को कब उठाया जाए इस पर रणनीति तय की जायेगी।

पीएम मोदी की अब यूपी में हर माह एक रैली आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। इसी कड़ी में वह पिछले माह संतकबीर नगर में रैली कर चुके हैं। अब 15 एवं 16 जुलाई को काशी में प्रवास कर चुनावी तैयारियों एवं प्रचार अभियान को अंतिम रूप देने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा संघ अब अपने स्तर पर यूपी की समीक्षा कर रहा है। यूपी में सपा एवं बसपा की गठबंधन की आहट देख पीएम मोदी ने हमला आरभ कर दिया है। वहीं सीएम योगी ने भी गत दिनों दिल्ली में संध के वरिष्ठï पदाधिकारियों के साथ बैठक कर फीडबैक लिया। इससे यह भी कयास लगाये जा रहे है कि प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल में फेरबदल किया जा सकता है।

यह भी चर्चा है कि इस बार करीब तीन दर्जन ऐसे सांसद है जिनका रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है। इसे ठीक करने के लिए इन्हें  एक और अंतिम मौका दिया जायेगा। इस पर भी हालत न सुधरे तो इनका टिकट काट दिया जायेगा। इससे उपजने वाली नाराजगी को दूर करने की रणनीति बनायी जा रही है। इस तरह भाजपा यूपी में संभावित विपक्ष के गठबंधन की काट को निकालने का प्रयास कर रही है।

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