नई दिल्ली । गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की बीमारी के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखकर उनसे भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को बर्खास्त करने और कांग्रेस पार्टी को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा, “गोवा विधानसभा में भाजपा की संख्या कम हो सकती है।”
राज्यपाल को संबोधित एक पत्र में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा, “मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार, जो लंबे समय से लोगों का विश्वास खो चुकी है, ने सदन में भी अपनी ताकत खो दी है।”
कावलेकर ने अपने पत्र में कहा है कि इस राज्य सरकार को बर्खास्त करने और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी सदन में सबसे बड़ी पार्टी है और वर्तमान में बहुमत प्राप्त करने के लिए सरकार बनाने का आह्वान कर रही है। फरवरी 2017 में चुनाव परिणाम घोषित होने के समय कांग्रेस 17 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन पार्टी के तीन विधायक दल बदल कर भाजपा में शामिल हो गए। उस समय तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को नई दिल्ली से गोवा स्थानांतरित करने के बाद भाजपा ने सूबे में सरकार बनाई और मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री बने।
कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे को पार्टी से इस्तीफा देने से पहले उन्हें प्रदेश सरकार में मंत्री बना दिया गया। दो अन्य कांग्रेस विधायकों दयानंद सोप्ते और सुभाष शिरोडकर ने पिछले साल अक्टूबर में भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी। वे लोकसभा चुनावों के साथ-साथ होने वाले उपचुनाव का सामना करेंगे। इस साल फरवरी में भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा का भी निधन हो चुका है। इसका हवाला देते हुए कांग्रेस ने अपने पत्र में कहा है कि इससे भाजपा विधायकों की तादाद सदन में और कम हो गई है। बताया जा रहा है कि पर्रिकर के अलावा भाजपा के एक अन्य विधायक पांडुरंग मडिक्कर भी अस्वस्थ हैं और पिछले साल जून के बाद से वह इस स्थिति में नहीं हैं कि जरूरत पड़ने पर फ्लोर टेस्ट के समय मतदान में हिस्सा ले सकें।
इस बार सरकार बनाने का दावा ऐसे समय में आया है जब रिपोर्टों में संकेत दिया गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत ज्यादा खराब हो रही है। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि मनोहर पर्रिकर का स्वास्थ्य स्थिर बना हुआ है। कांग्रेस ने यह भी चेतावनी दी है कि संवैधानिक जनादेश का उल्लंघन करते हुए सरकार बनाने के लिए एकल सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित न करने और राज्य को राष्ट्रपति शासन के तहत लाने के लिए कोई भी प्रयास अलोकतांत्रिक और अवैध होगा।
गौरतलब है कि गोवा में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं। भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन, कांग्रेस सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते के इस्तीफा देने के चलते सूबे में अब 37 एमएलए ही बचे हैं। सोप्ते और शिरोडकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके चलते कांग्रेस पर अब 16 की बजाय 14 विधायक ही बचे हैं, जबकि भाजपा के पास 13 विधायक हैं। हालांकि भाजपा को गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन और एनसीपी के एक विधायक के अलावा एक निर्दलीय का भी समर्थन हासिल है। इस तरह भाजपा के पास कुल 21 विधायकों का समर्थन है।
मीडिया रिपोर्ट्स ने अनुसार
इस बीच बताते चले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बताया जा रहा है कि पर्रिकर की हालत को देखते हुए बीजेपी अभी से नए सीएम कैंडिडेट की तलाश में भी जुट गई है. शनिवार को हुई मीटिंग में बीजेपी के एक विधायक ने कहा था कि मुख्यमंत्री मौजूदा विधायकों में से ही कोई होगा.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी नेतृत्व आज अपने सहयोगी दलों महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और तीन निर्दलीय विधायकों के साथ मीटिंग करेगा. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी नेतृत्व आज अपने सहयोगी दलों महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और तीन निर्दलीय विधायकों के साथ मीटिंग करेगा.