लखनऊ, भारत तिब्बत सहयोग मंच के अवध प्रांत ने चीन के भारत हमले की 57वीं बरसी पर आज काला दिवस मनाते हुए चीन को जम के धिक्कारा। मंच के पदाधिकारियों ने गांधी प्रतिमा पर आज धरना देने के साथ राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन को मौके पर पहुंचे एसीएम प्रथम को सौंपा।
धरने में अवध प्रांत के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि सन 62 में चीन का धोखे से भारत पर हमला करने के बाद से आज भी उसका भारत के खिलाफ काम करते रहने से अब सभी भारतीयों को संकल्प लेना होगा कि अब हम किसी भी सूरत में चीन के उत्पादों का हर हाल में आजीवन बहिष्कार जारी रखेंगे। धरने में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संरक्षक राजेश राय ने चीन के असल स्वरूप से आगाह करते हुए प्रत्येक भारतीय को इस बात को जानने का आह्वान किया कि आखिर क्यों हम चीन से सतर्क रहें। पहले तिब्बत के बफर कंट्री के रूप में रहने के उन्होंने लाभ गिनाए।
अवध प्रांत के संरक्षक महेश नारायण तिवारी ने अपनी तवांग तीर्थ यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि चीन की सीमा पर स्थित इस तीर्थ यात्रा से हमें भारतीय सैनिकों के शौर्य गाथा का पता चलता है। और सभी को जाना चाहिए। इसके पहले पत्रकार हेमेन्द्र तोमर ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन के अड़ियल व प्रतिकूल रवैये के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि कभी भारत व चीन की सीमा आपस में मिलती ही न थी। सन 62 की लड़ाई में चीन पूरे तिब्बत को हड़पते हुए अब न केवल भारत की सीमा पर आ के खड़ा है बल्कि हमारी हजारों वर्ग किमी भूमि हड़प के बैठा है।
धरने की शुरुआत महामृत्युंजय के सामूहिक पाठ से हुई। कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी लखनऊ के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे अपर सिटी मजिस्ट्रेट-प्रथम को राष्ट्रपति के नाम से संबोधित ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम में राजधानी में शहीद धर्मयोद्धा कमलेश तिवारी जी की स्मृति में श्रद्धांजलिस्वरूप 2 मिनट का मौन भी रखा गया।
कार्यक्रम में सतीश मिश्र, राम प्रताप सिंह चौहान, के पी मिश्र, सचिन श्रीवास्तव, प्रखर त्रिपाठी, कुशाग्र वर्मा, रूचि त्रिपाठी, डाॅ0 विश्वनाथ शुक्ल, चन्द्रकेश त्रिपाठी, संत प्रकाश द्विवेदी, अरूण सिंह, संदीप शुक्ला, सुनील वर्मा, मनोज चौहान, अमित सक्सेना, अनिल चौधरी, विकास सिंह, शुभेन्द्र व विभव तिवारी आदि उपस्थित रहे।