बुलंदशहर में गोकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की हत्या के मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर ही पुलिस की पोल खोल रही है.। जिससे पूरे पुलिस महकमे में हडकंप मचा हुआ है. बताते चले फआईआर से साफ है कि उपद्रव के दौरान घिरे पुलिसकर्मियों के पास एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहे और उन्हें चलाने में प्रशिक्षित 18 से अधिक युवा पुलिसकर्मी भी थे। लेकिन उनमें से कोई भी फायरिंग का साहस नहीं कर सका। सिर्फ एक होमगार्ड के ही हवाई फायर किए जाने का उल्लेख है।
ये है पूरा मामला
स्याना में सोमवार को हुए बवाल के दौरान हथियारों से लैस पुलिस लिखा-पढ़ी में गोली तक चलाने का उल्लेख नहीं कर पाई। उपनिरीक्षक सुभाष चंद्र की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि वह इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के साथ घटनास्थल पर महाव गांव पहुंचे थे। उनके साथ एचसीपी, चार सिपाही, तीन होमगार्ड व एक हेड स्तर का चालक यानी कुल 12 पुलिसकर्मी थे। चिंगरावठी पुलिस चौकी का फोर्स पहले से मौके पर होगा। एफआईआर में सीओ स्याना और एसडीएम स्याना के मौके पर होने का उल्लेख है। सीओ के हमराह दो तीन पुलिसकर्मी भी मौके पर रहे होंगे, जिनमें एक के पास आटोमेटिक हथियार होगा।
एसडीएम का सुरक्षाकर्मी भी मौके पर था। भीड़ द्वारा जमकर पथराव करने, चौकी पर सरकारी वाहनों में आगजनी करने, चौकी के कमरे में जान बचाने को घुसे सीओ स्याना को जलाने की नीयत से आग लगाने, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली लगने आदि का उल्लेख तो किया गया है लेकिन एके-47, पिस्टल लिए पुलिसकर्मियों द्वारा एक भी गोली चलाने का उल्लेख नहीं किया गया है।
इसके बाद मौके पर सीओ के बुलावे पर शिकारपुर सीओ, औरंगाबाद, बीबीनगर, नरसैना, खानपुर और मुख्यालय से स्वाट टीम के पहुंचने का उल्लेख है। इनके पहुंचने के बाद ही दरवाजा तोड़कर सीओ स्याना को चौकी से निकालने और घायल हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को लखावटी सीएचसी पर पहुंचाने का उल्लेख किया गया है। इंस्पेक्टर के गोली लगने और सीओ को चौकी के कमरे होने पर भी चौकी में आग लगाने के बाद भी पुलिसकर्मियों द्वारा आत्मरक्षार्थ फायरिंग नहीं करने से पुलिस की अक्षमता सामने आई है।
बुलंदशहर की घटना के लिए जिम्मेदार लोग तत्काल हो गिरफ्तार :योगी
लखनऊ . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर और लखनऊ में हुई घटनाओं पर नाराज़गी जताते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए ।
सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार देर रात गोरखपुर से लौटने के बाद अपने सरकारी आवास पर पुलिस और प्रशासनिक उच्चाधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने बुलंदशहर की घटना को गहरी साजिश का हिस्सा करार देते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के अधिकारियों को निर्देश दिए ।
बैठक में श्री योगी ने विशेष रुप से बुलंदशहर और लखनऊ की घटना पर नाराजगी जताई और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाय । उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वालों से कड़ाई से निपटा जाए। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर घटना की गंभीरता से जांच की जाए और गोकशी में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने गोकशी से संबंध रखने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लोगों को अभियान चलाकर गिरफ्तार करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यह बवाल बुलंदशहर में क्यों हुआ वहां एक बड़ा समारोह हो रहा था। पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए योगी ने कहा कि वहां गोकशी कब से चल रही थी। उन्होंने कहा कि जब 19 मार्च 2017 से अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए गए हैं तो यह अवैध काम कैसे हो रहा था। उन्होंने बुलंदशहर की घटना के मद्देनज़र प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिए कि जिन जिलों में इस तरह के अवैध काम होंगे, वहां के अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री से गुरुवार को मिलेंगे शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजन
बुलन्दशहर की हिंसक वारदात में मारे गये पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार गुरुवार को राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेगा।
आधिकारिक प्रवक्ता ने बुद्धवार को यहां बताया कि स्व.इंस्पेक्टर का परिवार मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी पारिवारिक दिक्कतों के बारे में जानकारी देगा। सरकार ने उनके परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता,विशेष पेंशन और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
दिवंगत सिंह के परिवार की मांग थी कि मुख्यमंत्री के आने के बाद ही उनकी अन्त्येष्टि की जायेगी,हालांकि बाद में वे मान गये और शहीद का मंगलवार को एटा जिले के उनके पैतृक गांव में अन्तिम संस्कार किया गया।
बुलंदशहर की घटना में अनावश्यक रुप से किसी संगठन का नाम उछालना गलत : विहिप
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने बुलंदशहर में गत तीन दिसंबर को हुई दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते गुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और गांव के एक युवक सुमित हत्या पर बुधवार को खेद जताया। इसके साथ ही विहिप ने कहा है कि इस घटना के पीछे अनावश्यक रुप से किसी संगठन का नाम उछालना ठीक नहीं है।
विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में हत्या का कोई स्थान नहीं हो सकता लेकिन जिस ढंग से मीडिया के एक वर्ग ने इस दुर्घटना को एक विचारधारा विशेष पर थोपने का प्रयास किया है और तथ्यों को जांचने पर यह पाया गया कि सत्य इनसे कहीं अलग है, उचित नहीं है। विहिप ने इसे षड्यंत्र बताते हुए इसकी घोर निंदा की|
डा. जैन ने कहा कि तीन दिसंबर की प्रातः चिंगरावटी गांव के कुछ युवक अपने खेतों के पास से जा रहे थे। वहां पर उन्होंने कुछ लोगों को गाय काटते हुए तथा आसपास में कई स्थानों पर कटी हुई गायों के अवशेषों को देखा तो वे चिंतित हो गए। गांव के लोगों ने धरना दिया तथा कहा कि जब तक उन गायों के हत्यारे नहीं पकड़े जाते वे धरना स्थल से नहीं उठेंगे। धरना स्थल पर बैठे लोग आसपास के गांव के ही थे| किसी संगठन के नहीं थे। उनमें से कुछ लोग जहां समाजवादी पार्टी या कांग्रेस के भी समर्थक थे तो कुछ और पार्टियों के लोग भी थे। अर्थात यह धरना किसी संगठन के द्वारा न होकर उस गांव के ग्रामीणों के द्वारा आयोजित किया गया एक आक्रोश था जो पिछले दिनों के घटनाक्रमों को देखते हुए स्वाभाविक था।
विहिप ने सभी मीडिया वर्गों व समाज के लोगों से अपील की है कि अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं, एसआईटी की जांच रिपोर्ट आनेवाली है| उससे पहले किसी व्यक्ति या किसी संगठन का नाम न तो अनावश्यक रूप से उछालें और न ही मीडिया ट्रायल करें। कल कई चैनलों पर बहस के द्वारा यह तथ्य भी सामने आया कि एक ऐसे व्यक्ति को विश्व हिंदू परिषद से जोड़ा जा रहा था जिसका विश्व हिंदू परिषद से कोई संबंध था ही नहीं।