देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बना बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया और देना बैंक के विलय को कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने बुधवार को विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार का इसके पीछे मकसद इन बैंकों की पूंजीगत क्षमताओं को एकीकृत कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने देना बैंक और विजया बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दे दी है। इससे बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इससे बैंकों के विलय से पूंजीगत क्षमतायें बढ़ेंगी और नए बैंक की ऋण देने की क्षमता में इजाफा होगा।

इससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की एक नई बैंकिंग इकाई जुड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इसका स्वरूप बड़ा साधारण होगा, जिसके तहत विजया और देना बैंक के सभी कर्मचारी अब बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारी होंगे। उनकी सेवा शर्तें और कार्यक्षेत्र को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं है। सरकार का मानना है कि इस विलय से बैंक मजबूत होंगे और उनकी ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी। सरकार की ओर से बैंक कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया है कि उन्हें किसी भी विपरीत सेवा शर्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा। नए बैंक में सबसे बेहतरीन सेवा शर्तों को अपनाया जाएगा। सरकार का कहना है कि विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद नए बैंक का ग्राहक आधार, मार्केट पहुंच, कार्यक्षमता, उत्पाद एवं सेवाएं बेहतर होंगी, जिनका लाभ ग्राहकों को ही मिलेगा।

यह विलय प्रक्रिया एक अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। विलय के बाद सभी तरह के कामकाज, संपत्ति, अधिकार, दावे, लाइसेंस, अनुमति, देनदारी और जिम्मेदारी नए बैंक ऑफ बड़ौदा की होगी। नए बैंक के बोर्ड को कर्मचारियों से जुड़ी सभी चितांओं और मुद्दों का हल करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा विलय होने वाले बैंकों के शेयरधारकों को उचित अनुपात में शेयर जारी करेगा।

शेयरों की अदला-बदली को अंतिम रूप
दूसरी तरफ, बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक का खुद के साथ विलय के लिए शेयरों की अदला-बदली अनुपात को अंतिम रूप दे दिया है। विलय की योजना के मुताबिक, विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे।

वहीं देना बैंक के मामले में, उसके शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे। सरकार ने पिछले साल सितंबर में विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय की घोषणा की थी।

विरोध कर रहे हैं कर्मचारी संगठन
गौरतलब है कि बैंक कर्मचारी संगठनों ने इस विलय का विरोध किया है। 26 दिसंबर 2018 को 10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे पहले 21 दिसंबर को बैंक अधिकारियों ने भी हड़ताल की थी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने दावा किया कि विलय बैंकों या उनके ग्राहकों के हित में नहीं, बल्कि दोनों के लिए हानिकारक होगा।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें