
नई दिल्ली . पिछले कुछ समय से शेयर बाजार वैश्विक और घरेलू स्तर की कई चुनौतियों से जूझ रहा है — आर्थिक अनिश्चितता, राजनीतिक तनाव और बाजार में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। ऐसे माहौल में एक बार फिर से निवेश की ‘क्वालिटी’ सोच चर्चा में है।
चिंतन हरिया, प्रिंसिपल – इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल एएमसी का कहना है कि क्वालिटी निवेश का मतलब है – मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में निवेश करना, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा हो और जो कठिन समय में भी स्थिर बनी रहें।
निफ्टी 200 क्वालिटी 30 इंडेक्स खास तौर पर उन 30 कंपनियों को शामिल करता है जो निफ्टी 200 की सूची से चुनी गई हैं और जिनकी फाइनेंशियल सेहत सबसे बेहतर मानी गई है – जैसे कि मजबूत बैलेंस शीट, बेहतर रिटर्न ऑन इक्विटी और स्थिर कमाई की ग्रोथ।
तो आइए जानें 5 ठोस कारण जिनकी वजह से इस फंड को अपने पोर्टफोलियो में जगह दी जानी चाहिए:
- पारंपरिक रिटर्न के मुकाबले अलग अप्रोच
जब हम सिर्फ मार्केट कैप के आधार पर निवेश करते हैं, तो हम कई बार क्वालिटी को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन निफ्टी 200 क्वालिटी 30 जैसा फंड सिर्फ साइज नहीं, बल्कि कंपनियों की गुणवत्ता को ध्यान में रखता है। यह आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाता है और लॉन्ग टर्म में ज्यादा संतुलित रिटर्न देने की क्षमता रखता है। - बाजार की ठहराव की घड़ी में समझदारी भरा विकल्प
कोविड के बाद बाजार ने शानदार रैली दिखाई, लेकिन अब वह तेजी थमती दिख रही है। देश की जीडीपी ग्रोथ भी अब सामान्य होने की ओर है। ऐसे समय में क्वालिटी-आधारित निवेश ज़्यादा स्थिर हो सकता है, क्योंकि इसमें कम जोखिम वाली, टिकाऊ कंपनियां होती हैं। और चूंकि यह कैटेगरी पिछले कुछ सालों में थोड़ा पीछे रही है, अब अच्छे शेयर किफायती दाम पर मिल सकते हैं। - लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए बेहतर विकल्प
इतिहास गवाह है कि क्वालिटी थीम ने 1, 5 और 10 साल की अवधि में निफ्टी 200 और निफ्टी 50 से बेहतर रिटर्न दिए हैं। सिर्फ रिटर्न ही नहीं, जब बाजार में गिरावट आई—चाहे वो 2013 का टैपर टैंट्रम हो या 2015 की एनपीए समस्या—तब भी क्वालिटी इंडेक्स ने दूसरों की तुलना में कम गिरावट दिखाई। यानी डाउनसाइड प्रोटेक्शन भी शानदार है। - भावनाओं से नहीं, नियमों से चलता है यह फंड
इस फंड का चयन एक नियम-आधारित सिस्टम से होता है। इसमें किसी की राय या मूड का असर नहीं पड़ता। इससे निवेश में स्थिरता आती है और बाजार की भावनात्मक उथल-पुथल से बचा जा सकता है। - लो-कॉस्ट स्ट्रक्चर
क्योंकि यह एक्टिव फंड नहीं है, रिसर्च टीम या फंड मैनेजर की लागत नहीं जुड़ती। यही वजह है कि इसका खर्चा यानी एक्सपेंस रेशियो काफी कम होता है।
अंत में बात समझने की ये है…
अगर आप अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता, अनुशासन और लॉन्ग टर्म ग्रोथ जोड़ना चाहते हैं, तो निफ्टी 200 क्वालिटी 30 इंडेक्स फंड एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। खासकर ऐसे समय में जब बाजार अनिश्चितता से गुजर रहा हो, तब मजबूत और टिकाऊ कंपनियों में निवेश ही बेहतर रणनीति है। आने वाले 2-3 सालों में धीरे-धीरे इसमें निवेश करने से मध्यम और दीर्घकाल में अच्छा फायदा मिल सकता है।