इंफाल । मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के सबसे बड़े संगठन इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के जनरल सेक्रेटरी मुआन टोम्बिंग के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। ITLF नेता ने बुधवार को केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि दो हफ्ते में आप मणिपुर में हमारी अलग सरकार बनवाएं या फिर हम खुद बनाएंगे। ITLF नेता की इस चेतावनी के बाद उनके खिलाफ चुराचांदपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। मुआन के खिलाफ IPC की धारा 121A, 124A, 153 और 120B के तहत FIR दर्ज की गई है। इन धाराओं में भारत सरकार के खिलाफ साजिश, दंगा भड़ाकाना, लोगों को उकसाना, देशद्रोह के साथ अन्य आपराधिक साजिश शामिल हैं।
दरअसल, ITLF ने बुधवार 15 नवंबर को अल्टीमेटम दिया था कि उन्हें अलग प्रशासन नहीं दिया गया तो वे दो हफ्ते बाद चुराचांदपुर, कांगपोक्पी और टैंगनाउपोल जिलों में एक समानांतर प्रशासन बना लेंगे। यहां मणिपुर सरकार का दखल नहीं चलेगा।
मुआन टोम्बिंग का पूरा बयान
ITLF के जनरल सेक्रेटरी मुआन टोम्बिंग ने बुधवार को रैली निकाली थी। इसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार हमारे लिए अलग प्रशासन की व्यवस्था करे, वर्ना हम खुद अलग प्रशासन बना लेंगे। इसके लिए हम सरकार को दो हफ्ते का समय दे रहे हैं। मुआन से भास्कर ने पूछा कि अलग प्रशासन कैसे मिल पाएगा, तो उन्होंने बताया कि बीरेन सिंह सरकार में दो कैबिनेट मंत्री समेत 10 विधायक कुकी हैं। इनमें 8 भाजपा के हैं। इंफाल वैली में तैनात रहे 10 बड़े अधिकारियों समेत कई राज्य स्तर के कुकी अफसर अब हमारे इलाकों में हैं। हमारा शासन भारत के संविधान के दायरे में होगा। मुख्यमंत्री भी हमारे समुदाय से होगा।
इंफाल से कनेक्शन नहीं रखना चाहते
टोम्बिंग के मुताबिक, अगस्त में गृह मंत्री से हमने मुख्य सचिव और DGP मांगे थे। 2 नवंबर को ITLF और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हुई थी, तब भी हमने यही मांग रखी थी। यह बैठक चुराचांदपुर स्थित इंटेलीजेंस ब्यूरो के दफ्तर में हुई थी। उस मीटिंग में मंत्रालय की ओर से IB (NE) के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. मनदीप सिंह तुली और वार्ताकार एके मिश्रा मौजूद थे। इस बातचीत के बाद भी हमारी मांगों की अनदेखी की गई। इसलिए हम इंफाल से कोई कनेक्शन नहीं रखना चाहते।
राज्य सरकार के आदेश पर FIR हुई
राज्य सरकार ने गुरुवार को ITLF का बयान खारिज कर दिया था और कहा कि जल्द ही कुकी समूह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य के कानून मंत्री बसंतकुमार ने कहा कि ITLF और विवादित बयान से जुड़े व्यक्ति के खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
बातचीत 2005 से जारी, हिंसा से पेंच
मामले में राजनीतिक वार्ताकार एके मिश्रा का कहना है कि मणिपुर में 32 कुकी विद्रोही समूह हैं। इनमें 25 समूह केंद्र और राज्य सरकारों के साथ त्रिपक्षीय संचालन निलंबन (SOO) के तहत हैं। बाकी 17 समूह कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और 8 यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट के अंतर्गत हैं। SOO समूहों के साथ 2005 में शुरू हुई राजनीतिक वार्ता जारी है। मौजूदा संघर्ष फैलने के बाद सभी समूहों ने अलग प्रशासन की मांग केंद्र को सौंपी है। अब केंद्र की मंजूरी का इंतजार है।
4 पॉइंट्स में जानिए- क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
मणिपुर में इंटरनेट बैन 18 नवंबर तक बढ़ा:195 दिन से प्रतिबंध जारी; पुलिस ने कहा- अफवाहों को रोकने के लिए निर्णय लिया गया। मणिपुर सरकार ने राज्य में एक बार इंटरनेट बैन 18 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले 13 नवंबर तक बढ़ाया गया था। 3 मई से भड़की जातीय हिंसा के बाद 195 दिन पहले इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। तब से हर पांच दिन बाद प्रतिबंध बढ़ाया जा रहा है।
मणिपुर में युवक को जिंदा जलाने का वीडियो सामने आया:ITLF का दावा- यह मई की घटना; DGP बोले- अभी पता चला, जांच करा रहे। मणिपुर में रविवार को कुकी समुदाय के युवक को जिंदा जलाने का वीडियो सामने आया है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट (ITLF) के प्रवक्ता घिन्जा ने ये वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा कि वीडियो मई का है, लेकिन ये अभी सामने आया है।
कुकी एरिया में दो स्टूडेंट का मर्डर, परिवार बोला- पुलिस डरकर उन्हें ढूंढने नहीं गई
3 मई, 2023 से मणिपुर में हो रही हिंसा 5 महीने बाद नए मोड़ पर है। शुरुआत में मैतेई समुदाय CM बीरेन सिंह और सरकार का खुलकर सपोर्ट कर रहा था, अब खिलाफ है। वजह 17 साल की लड़की और 20 साल के फिजाम हेमनजीत की हत्या है।