VIDEO : देशभर में CBI दफ्तर में कांग्रेस का हल्ला बोल, राहुल ने दी गिरफ्तारी, कहा-पीएम भ्रष्ट हैं…

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा की पद पर फिर से बहाली की मांग को लेकर सीबीआई कार्यालय के बाहर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली के लोधी रोड पुलिस थाने में गिरफ्तारी दी. वहीं दूसरी तरफ आज सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई हुई. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीवीसी को दो हफ्ते में जांच पूरी करने का आदेश दिया है. इसके अलावा अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव किसी भी तरह का नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे. बता दें कि आलोक वर्मा ने केंद्र की ओर से खुद को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले पर याचिका दायर की है. वहीं दूसरी तरफ राकेश अस्थाना भी छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. इसके साथ ही कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को असंवैधानिक बताया है.दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के कई नेताओं को भी हिरासत में लिया है.

राजधानी दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मार्च में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता व अन्य दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. राहुल गांधी सीबीआई मुख्यालय पहुंच कर बैरिकेड पर बैठ गए हैं. यहां पुलिस ने पहले ही कांग्रेस के मार्च को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर रखी थी. इस मार्च में वरिष्ठ सीपीआई नेता डी राजा, शरद यादव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा समेत अन्य नेता और कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर पार्टी द्वारा आय़ोजित विरोध प्रदर्शन में सभी लोगों को शामिल होने की अपील की है. इसी के चलते कांग्रेस उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, मुंबई में सीबीआई मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही है.

राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि राफेल ‘घोटाले’ के दस्तावेज इकट्ठा करने पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक को ‘जबरन अवकाश’ पर भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि रक्षा सौदे के सच के करीब जाने वाले हर व्यक्ति को ‘मिटा’ दिया जाएगा.

राहुल ने ट्वीट किया, “सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा राफेल घोटाले के दस्तावेज इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरन अवकाश पर भेज दिया गया. प्रधानमंत्री का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि राफेल के आस-पास जो भी व्यक्ति आएगा, उसे हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा.”

सरकार द्वारा एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “सरकार ने मामले की सावधानी पूर्वक जांच करने के बाद और समानता व न्याय के हित में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को क्रमश: सीबीआई निदेशक और विशेष निदेशक की भूमिका से हटाने का फैसला किया है.”

सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया गया. राव ने पद संभालते ही वर्मा के करीबी माने जाने वाले एजेंसी के 13 अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया. ये लोग विशेष निदेशक के विरुद्ध रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच कर रहे थे. सीबीआई ने अस्थाना के विरुद्ध जांच के लिए एक नई टीम भी गठित कर दी.

दोनों शीर्ष अधिकारियों ने एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं. दोनों अधिकारियों के बीच जंग तब शुरू हुई, जब अस्थाना ने अगस्त में सेंट्रल विजिलेंस कमिशन (सीवीसी) को पत्र लिखकर मांस व्यवसायी मोईन कुरैशी की जांच में भ्रष्टाचार और दुराचार के आरोप लगाए थे, जबकि सीबीआई ने अस्थाना के विरुद्ध रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी और उनके ऊपर कुरैशी मामले को निपटाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे.

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