किसानों को केन्द्र सरकार का तोहफा : रबी की फसलों का बढ़ाया गया MSP, जानें अब क्या हुई गेंहू की कीमत

नयी दिल्ली। सरकार ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढाने का फैसला किया है जिसमें गेहूं का एमएसपी में 105 रुपये की वृद्धि कर 1840 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है । सूरजमुखी के एमएसपी में 845 रुपये , मसूर में 225 रुपये , चने में 220 रुपये , सरसों में 200 रुपये तथा जौ के एमएसपी में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल के आर्थक मामलों की समिति की बैठक में रबी फसलों का एमएसपी बढाने के कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

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कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गेहूं की कीमत 1840 रुपये प्रति क्विंटल, चने की 4620 रुपये ,मसूर की 4475 रुपये तथा सरसों की 4200 रुपये प्रति क्विंटल तय की गयी है। उन्होंने बताया कि खरीफ और रबी फसलों के एमएसपी में की गयी वृद्धि से किसानों को 62635 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। श्री सिंह और श्री प्रसाद ने बताया कि गेहूं का कृषि उत्पादन लागत मूल्य 866 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसके एमएसपी के निर्धारण में 112 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है ।

इस बार एमएसपी में पिछले साल की तुलना में 105 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि चने का उत्पादन लागत मूल्य 2637 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसके एमएसपी में 75 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है । पिछले साल की तुलना में इस बार 220 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुयी है । मसूर का उत्पादन लागत 2532 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसके एमएसपी में 67 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर 4475 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है । यह पिछले साल की तुलना में 225 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है ।

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सरसों का उत्पादन लागत 2212 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसका एमएसपी 4200 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है । श्री सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कई सुधार किये गये हैं और अब यदि किसानों के दावे के भुगतान में दो माह से अधिक का देर किया जाता है तो बीमा कम्पनियों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ इसका भुगतान करना होगा । इसी तरह राज्य सरकार बीमा राशि का अपना शेयर तीन माह से अधिक देर से करती है तो उसे भी 12 प्रतिशत का ब्याज देना होगा ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में और सुधार के लिए कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में नौ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जिसमें रिजर्व बैंक आफ इंडिया , वित्त मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के अधिकारी को शामिल किया गया है ।

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