गरीबों के लिए केंद्र की नई पहल:  2028 तक मुफ्त अनाज की गारंटी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 नवंबर को लगभग 81 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को दिसंबर 2028 तक पांच साल के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।कैबिनेट ब्रीफिंग में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विस्तार से सरकारी खजाने पर करीब 11.8 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यह विस्तार 1 जनवरी 2024 से लागू होगा। 28 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया।इस महीने की शुरुआत में छत्तीसगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि केंद्र मुफ्त राशन योजना को पांच साल के लिए बढ़ाएगा।

ब्रीफिंग के दौरान ठाकुर ने कहा कि मुफ्त राशन योजना को 5 साल के लिए बढ़ाए जाने से फंड की कमी नहीं होगी और खरीद में भी कोई समस्या नहीं आएगी। इस विस्तार के परिणामस्वरूप खाद्य सब्सिडी बिलों में वृद्धि के बारे में चिंताओं पर ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए धन या बजट कोई समस्या नहीं है। कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों की सहायता के लिए अप्रैल 2020 में पीएमजीकेएवाई की शुरुआत तीन महीने के लिए की गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया।

इस मुफ्त राशन योजना के तहत गरीब परिवारों को हर महीने 5 किलो अनाज मिलता है। पिछले साल दिसंबर में केंद्र ने 2020 में शुरू की गई पीएमजीकेएवाई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) में शामिल करने का फैसला किया था, ताकि मुफ्त में अतिरिक्त खाद्यान्न मुहैया कराया जा सके। एनएफएसए के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी आबादी दो श्रेणियों- अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले परिवारों के अंतर्गत आती है।

बजट 2023 की घोषणाओं के दौरान , केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार PMGKAY के तहत पूरे वर्ष के लिए 2 लाख करोड़ रुपये वहन करेगी। 5 साल के विस्तार से पहले, मुफ्त खाद्यान्न योजना दिसंबर 2023 को समाप्त होने वाली थी। इस विस्तार से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट सीमित रही है।

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