
संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन यानी सोमवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। जिसके चलते बीज में ही 12 बजे तक लोकसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। इसके बाद राज्यसभा में भी नोकझोंक देखने को मिली। दोनों सदनों में अदाणी और जॉर्ज सोरोस-सोनिया गांधी के बीच सांठगांठ मामले पर हंगामा हुआ। राज्यसभा में हंगामे के बीच विपक्ष की ओर से सदन चलाने की दुहाई दी जाती रही तो वहीं ट्रेजरी बेंच आक्रामक नजर आया। इसी बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जब परंपरा और पारित प्रस्ताव का हवाला देते हुए यह कहा कि सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही चलनी चाहिए, ऐसा हम चाहते हैं। इस पर सभापति जगदीप धनखड ने कुरुक्षेत्र दौरे का जिक्र करते हुए महाभारत के संजय का जिक्र कर मजाकिया अंदाज में जवाब दिया।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही चलनी चाहिए। इस पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया।
जगदीप धनखड़ ने कहा – आप के संजय महाभारत के संजय
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कल मैं अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होने के लिए कुरुक्षेत्र गया था और वहां मुझे संजय की याद आई। तब कैसे संजय ने पूरा महाभारत देखकर धृतराष्ट्र को सुनाया था। यहां भी संजय हैं और इन्होंने भी पांच दिन देखा है कि सदन की कार्यवाही को किस तरह से बाधित किया गया, चलने नहीं दिया गया। संजय सिंह इस बार वेल में नहीं आए लेकिन देखा है कि कैसे बार-बार सदन को स्थगित करा दिया गया।’
इससे पहले आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘आपके समक्ष और इस सदन के समक्ष नेता सदन ने एक प्रस्ताव रखा कि शून्यकाल और प्रश्नकाल अनिवार्य रूप से चलना चाहिए, ताकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सारे सदस्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रख सकें।’
मुझे कितनी पीड़ा होती होगी – जगदीप धनखड़
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि सांसदों के इतने अहम मुद्दे लगे हैं। इस पर सदस्यों ने भी सहमति जताई कि बाधा ना डाली जाए। इस पर सभापति धनखड़ ने उन्हें टोका और कहा, ‘सोचिए मुझे कितनी पीड़ा होती होगी। जो आप बात कह रहे हैं उसे आप ही पहले भूल गए। किसी भी तरफ से रुकावट डाली जाए चाहें इधर से या उधर से मेरे दिल को चोट लगती है।’