पुलिस के मुताबिक, बाराबंकी के सफदरजंग पुलिस स्टेशन एरिया में रहने वाली रूबी की 2016 में राहुल से शादी हुई जो वहीं पास का रहने वाला था। जून 2018 में रूबी के पिता हरिप्रसाद ने स्थानीय पुलिस थानेमें शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि दहेज की खातिर उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है। इस मामले में हरिप्रसाद ने दामाद राहुल, ससुर राम हर्ष और सास बर्की को आरोपी बनाया।
पुलिस ने जब अपनी जांच की तो उसे मामला एफआईआर दर्ज करने लायक नहीं लगा क्योंकि मृतका रूबी की बॉडी भी बरामद नहीं हुई थी। इसके बाद हरिप्रसाद ने स्थानीय कोर्ट का रूख किया और कोर्ट ने पुलिस को जुलाई 2018 में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बाराबंकी के एसपी वीपी श्रीवास्तव ने बताया, ‘जब रूबी के पिता ने हमसे संपर्क कर बेटी की हत्या के लिए दामाद राहुल को जिम्मेदार ठहराया था तो हमने मामले की जांच की थी, लेकिन मृतका की बॉडी नहीं मिल सकी थी। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई तो हमने मामले की फिर से जांच शुरू कर दी। अपनी जांच में हमने पाया कि मृतका रूबी की फेसबुक आईडी एक्टिव है। हमने उसके दो महीने के फुटप्रिंट ट्रैक किए और उसके फोन को सर्विलांस पर रख दिया।’
इसके बाद पुलिस को सफलता मिली और पता चला कि ‘मर चुकी’ रूबी दिल्ली में रामू नाम के एक शख्स के साथ रह रही है। पुलिस की एक टीम ने दिल्ली पहुंचकर रूबी और रामू दोनों को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को उसने स्वीकार किया कि रामू से शादी के कारण अपनी मौत की झूठी खबर गढ़ी थी। पुलिस ने इस मामले में राहुल के खिलाफ दर्ज किया गया मामला हटा दिया है और रूबी के पिता के खिलाफ धारा 182 के तहत कोर्ट को गुमराह करने का मामला दर्ज किया गया है।