पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती और नियुक्ति की प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों के बीच श्रेय लेने की होड़ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विराम लगाने का प्रयास किया है। उन्होंने अपनी सरकार के मंत्रियों को इसके लिए नसीहत दे डाली है। उन्होंने बुधवार को नसीहत देते हुए कहा कि ऐसा कहा जाना चाहिए कि नियुक्तियां राज्य सरकार ने की हैं। अपना और पार्टी का क्रेडिट लेने में मत रहिए। सभी नियुक्तियां अच्छे से हो रही हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) जब साथ में थे, तब कभी नहीं बोलते थे। उन्हें ऐसा बोलने के लिए बोला जाता है, इसलिए बोल रहे हैं।
बता दें कि ऐसी कोई बात नहीं है। सभी नियुक्तियां अच्छे से हो रही हैं। उन्होंने जीतन राम मांझी के शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के सवाल पर कहा कि जो भी बोल रहा है, वो पहले कुछ बोलते थे। उसको आदेश दिया गया है कि बोलो।
घर-घर बिजली पहुंचाने का काम तेजी से हो
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पावर होल्डिंग के 11वें स्थापना दिवस समारोह में शिरकत करने के बाद मीडिया से बात करते हुए यह बातें कहीं। समारोह में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे खुशी होगी अगर प्रीपेड (बिजली) मीटर का काम तेजी से किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि हर घर तक बिजली पहुंचाने में कोई दिक्कत न हो।
अरविंद केजरीवाल पर नहीं दिया बयान
अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन के सवाल पर नीतीश कुमार ने कोई बयान नहीं दिया। उन्होंने भाजपा की ओर से शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों के आरोप को लेकर कहा कि वो जब साथ थे, तब तो कुछ नहीं बोलते थे।
हम पत्रकारों के पक्षधर हैं : नीतीश कुमार
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हम तो आपके पक्षधर हैं। आपके हम हितैषी हैं। हम तो चाहते हैं कि आप लोग जो चाहते हैं, वो कर पाएं। आपसे हम नाराज नहीं हैं। आपके ऊपर बिना मतलब का कंट्रोल किया गया है। आपसे कोई नाराजगी नहीं है।