इस देश में बाल विवाह हुआ वैध, संसद में कानून पारित होने के बाद उठे सवाल

इराक में बाल विवाह करीब-करीब वैध हो गया है। इराक की संसद ने 3 कानून पारित किए हैं, जिनमें से एक से बाल विवाह को वैधानिक अनुमति मिल जाएगी।

नए कानून के तहत किए गए संशोधनों से इस्लामी अदालतों को विवाह, तलाक और विरासत सहित पारिवारिक मामलों पर और ज्यादा अधिकार मिल गए हैं।

लोगों का कहना है कि संशोधन 1959 के व्यक्तिगत कानून को कमजोर करता है, जिसने महिलाओं के लिए सुरक्षा उपाय स्थापित किए थे।

संशोधित कानून में क्या है?

नए कानून के अनुसार, मौलवियों को ये अधिकार होगा कि वे इस्लामी कानून के हिसाब से शादी की उम्र तय करने का फैसला ले सकेंगे।

आशंका है कि ये एक तरह से बाल विवाह का कानूनी वैधता है, क्योंकि मौलवी किशोरावस्था में ही लड़कियों को शादी की अनुमति दे देंगे।

शिया समुदाय द्वारा अपनाए जाने वाले इस्लामी कानून के जाफरी स्कूल के तहत 9 साल की उम्र में भी शादी की अनुमति दी जा सकती है।

क्यों पारित किया गया कानून?

नए कानूनों का समर्थन मुख्य रूप से रूढ़िवादी शिया सांसद कर रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि ये पुराने कानून को इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप बनाने और इराकी संस्कृति पर पश्चिम के प्रभाव को कम करने का एक साधन है।

हालांकि, इस दौरान संसद में खूब हंगामा भी हुआ। तीनों कानूनों पर एक साथ मतदान का कई सांसदों ने विरोध किया, जिनमें से कई पोडियम पर चढ़ गए और करीब आधे ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

और कौन-कौनसे कानून पारित किए गए?

संसद ने एक सामान्य माफी कानून भी पारित किया है, जिसे सुन्नी बंदियों को लाभ पहुंचाने वाला माना जाता है और इससे भ्रष्टाचार और गबन में शामिल लोगों की रिहाई में आसानी होगी।

वहीं, कुर्द क्षेत्रीय दावों को संबोधित करने के उद्देश्य से एक भूमि पुनर्स्थापन कानून भी पारित किया गया है। संसद में तीनों कानून पर एक साथ मतदान किया गया, जिसकी वजह से इनका विरोध भी हो रहा है।

क्या था विवाह से जुड़ा पुराना कानून?

1959 में इराक की अब्दुल करीम कासिम की सरकार ने व्यक्तिगत मामलों को लेकर कानून बनाया था। इसमें व्यक्तिगत मामलों से लेकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए गए थे। इस कानून के जरिए लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल की गई थी।

अब नए कानून में 1959 के कानून की धारा 188 में संशोधन किया गया है।

इससे पहले इराक ने वेश्यावृत्ति विरोधी कानून पारित कर समलैंगिकता और लिंग-परिवर्तन सर्जरी को अपराध घोषित किया था।

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