
चित्रकूट। भारत के थल सेना प्रमुख और संयुक्त रक्षा प्रमुख (CDS) उपेंद्र द्विवेदी ने आज चित्रकूट पहुंचकर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से भेंट की। इस पावन स्थल पर पहुंचे सेना प्रमुख ने स्वामी रामभद्राचार्य से आशीर्वाद लिया और उनके साथ आध्यात्मिक चर्चा की। इस दौरान उन्होंने स्वामी को सेना का प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।
मुलाकात के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख को ‘राम मंत्र’ भी सिखाया, जिसे उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त करने का मंत्र बताया। इस विशेष अवसर पर सेना प्रमुख ने अपनी पत्नी के साथ तुलसी पीठ में पूजा-अर्चना की।
इस मुलाकात के अंत में, जब सेना प्रमुख ने स्वामी से गुरु दक्षिणा देने का आग्रह किया, तो स्वामी रामभद्राचार्य ने एक ऐसी मांग रख दी, जिसने पूरे देश में सनसनी फैला दी। स्वामी ने कहा कि वह दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि रत्न या वस्त्र नहीं, बल्कि कश्मीर का यह हिस्सा भारत का हिस्सा बनना चाहिए।
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, “मेरा सपना है कि पाकिस्तान का कब्जा वाला कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बने। भगवान कामतानाथ से मेरी यही कामना है कि यह कार्यकाल में ही पूरा हो जाए।”
इस मुलाकात में, स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि उनकी इच्छा तो यह है कि भारत अपने स्वाभिमान और क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत बनाए। उन्होंने कहा कि वह देशवासियों से भी आग्रह करते हैं कि वे इस मिशन के लिए एकजुट हों।
सेना प्रमुख ने भी स्वामी की इस आकांक्षा को सम्मानित किया और उन्हें सेना का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय एकता सर्वोपरि है।
स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत नई ऊर्जा और विश्वास के साथ उभर रहा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि रामचरितमानस की महिमा को राष्ट्र ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए।
बता दें कि स्वामी रामभद्राचार्य का पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की मांग पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। देशभक्ति और क्षेत्रीय स्वाभिमान की इस अभिव्यक्ति ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
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