सीएम ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष टेका मत्था, प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

लखनऊ। गुरु गोविंद सिंह महाराज ने वर्ष 1699 में देश और धर्म की रक्षा के लिए शक्तिपुंज के रूप में खालसा पंथ की स्थापना की, जो आज दुनिया में बिना रुके, डिगे, झुके धर्म की ध्वज पताका को गौरव के साथ आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। बैसाखी का पावन पर्व खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में एक नई प्रेरणा और प्रकाश का स्रोत है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बैसाखी के अवसर पर राजधानी के नाका हिंडोला स्थित गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में कही। इससे पहले उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेका और प्रदेशवासियों संग सिख भाइयों-बहनों को बैसाखी की हार्दिक बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्हें अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। वहीं उन्हाेंने भी प्रधान सेवादार गुरुद्वारा नजरबाग अयोध्या बाबा महेंद्र सिंह, गुरुनानक विद्यालय चंदन नगर की प्रिंसिपल रंजित कौर, गुरु नानक गल्र्स इंटर कॉलेज बांसमंडी की प्रिंसिपल निशा तिवारी, खालसा इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल वीरेंद्र सिंह को अंगवस्त्र पहनाने के साथ स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह महाराज का योगदान प्रेरणा का केंद्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए एक नई प्ररेणा का है, क्योंकि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने देश और धर्म की रक्षा के लिए एक लीला रचते हुए खालसा पंथ की स्थापना की, जो एक नए पथ के सृजन का आधार बना। साथ ही यह दिन पूरे समाज के लिए स्मरणीय हो गया। गुरु गोविंद सिंह महाराज और सिख गुरुओं ने देश के साथ धर्म की रक्षा के लिए अनके योगदान दिये, जो आज और भविष्य के लिए भी हमारी प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है।

सीएम योगी ने कहा कि सिख बंधुओं की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीरबाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। हम सभी इसका अभिनंदन करते हैं। यह हमारे युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा है, जो देश और धर्म के लिए योगदान देगा, समाज उसके प्रति इसी रूप में नतमस्तक होगा। हम सभी देश के विभाजन की कीमत को जानते हैं क्योंकि गुरु नानक देव के पावन स्थल करतारपुर साहिब पर जाने के लिए काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉरिडोर का निर्माण कर लोगों को अपने अतीत के साथ जोड़ने और गुरु परंपरा के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करने का काम किया। उन्हाेंने कहा कि यह देश ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा। वहीं यह देश सिख गुरुओं के योगदान और बलिदान के प्रति सदैव कृतज्ञता भाव से ऋणी रहेगा।

आगे बढ़ना है तो गुरु परंपरा का अनुसरण जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजधानी लखनऊ सिख गुरुओं की तमाम स्मृतियों का केंद्र है। यहां पर गुरु तेग बहादुर महाराज आए थे और कुछ दिन गुजारे थे। उन्होंने कहा कि हम जब तक गुरु परंपरा का अनुसरण और आदेशों का पालन करेंगे, हम आगे बढ़ते रहेंगे। साथ ही सफलता की नई ऊंचाइयां प्राप्त होंगी। ऐसे में हमें गुरु परंपरा का अक्षरश: पालन करते हुए खालसा पंथ की स्थापना के उद्​देश्य को पूरा करने के लिए सदैव कार्य करना है।
कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख, बीजेपी महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता नीरज सिंह, गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा आदि मौजूद रहे

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