गणतंत्र दिवस :  सीएम योगी ने फहराया तिरंगा, कहा- मताधिकार में न हो भेदभाव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गणतंत्र दिवस पर लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर तिरंगा फहराया। सीएम योगी ने कहा कि आज ही के दिन 1950 में भारत में अपना संविधान लागू करते हुए एक संप्रभु संपन्न लोकतांत्रिक गणतंत्र भारत के रूप में अपनी एक नई यात्रा को प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को आदेश आजाद हुआ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे स्वाधीनता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए पूरी मजबूती से नेतृत्व प्रदान करते हुए अंग्रेज हुकूमत को भारत को स्वाधीन करने के लिए बाध्य करने के लिए मजबूर कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होता है और उससे ठीक पूर्व भारत ने डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में एक संविधान सभा का गठन किया। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को एक माला के रूप में फिर होने का गुरुओत्तर दायित्व बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को दिया गया। अंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करते हुए संविधान सभा को सौपा और अंततः 26 जनवरी 1950 को आदेश अपना स्वयं का संविधान लागू करने में सफल हो पाया।

भारत का संविधान हमें न्याय क्षमता और बंधुता के साथ जुड़ने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। सम और विषम परिस्थितियों में यह उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक, पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सफल रहा है। आज से इस अवसर पर जब हम भारत के संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं, इस अवसर पर भारत माता के महान सपूतों को जिन्होंने आजादी के आंदोलन को नेतृत्व दिया था, उन महान क्रांतिकारियों को बलिदानियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

75 वर्षों की हमारी यह शानदार यात्रा हम सबको संविधान के लागू होने के अमृत महोत्सव के साथ जोड़ रही है। यह हम सबके लिए इसे आगे बढ़ाने के लिए एक अवसर भी है कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को न्याय देने के लिए, समता मूलक समाज की स्थापना के लिए, आपस में बंधुता के सूत्र में जोड़ने का हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। प्रत्येक नागरिक को न्याय मिले, बिना भेदभाव के न्याय मिले, उन्हें शासन की सुविधाओं का लाभ बिना भेदभाव के प्राप्त हो, समाज में समता का माहौल पैदा हो, पूरा भारत एकता के सूत्र में जुड़कर अपने देश की समृद्धि और सुरक्षा के बारे में सोचे, यह प्रेरणा हमारा संविधान हम सब भारतवासियों को प्रदान करता है।

आज जब हमारा देश संविधान के लागू करने के 75 वर्ष पूरा करके 76 में वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो स्वाभाविक रूप से हम सबके सामने जो एक लक्ष्य है विकसित भारत का निर्माण करना, विकसित भारत का मार्ग भी भारत के संविधान का अनुसरण करके ही हम कर सकते हैं। हमारा संविधान भारत की उन हजारों वर्षों की सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करता है जिन पर हर भारतवासी गौरव की अनुभूति करता है। यह हम सबके लिए अत्यंत गौरवशालीक्षण है कि संविधान की मूल प्रति में उन सबको चित्रों के माध्यम से भी अंकित करके अनेक भारतवासी को उसके साथ जुड़ने की प्रणय प्रदान करता है।

आज के किस अवसर पर जब भारत की मूल प्रति का अवलोकन करते हैं तो भारत की संस्कृति की गहराई और उसकी ऊंचाई का हम अंदाजा लगा सकते हैं। इस अवसर पर अगर इस संविधान में भारत के प्रत्येक नागरिक के अधिकार हैं तो उसमें प्रत्येक नागरिक के कर्तव्य भी हैं। हम हर व्यक्ति संवैधानिक दायरे में रहकर के अगर अपने अधिकारों की रक्षा की बात करते हैं तो हमें अपने कर्तव्यों के बारे में भी एहसास होना चाहिए।

यही कारण है कि 2015 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के स्मारक के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे समय कहा था कि 26 नवंबर की तिथि को प्रत्येक भारतवासी को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करना चाहिए।

यह मूल कर्तव्य भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए मार्गदर्शन का काम करता है। अपने देश के प्रति, समाज के प्रति, उनके उत्तरदायित्व को निर्वहन करने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। स्वाभाविक रूप से हम सबको भारत का संविधान सम और विषम परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक को अधिकार प्रदान करता है। हमें अपने संविधान पर गौरव की अनुभूति इस बात के लिए भी करनी चाहिए कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे देश को है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर बिना भेदभाव के प्रत्येक जाति, मत, मजहब और संप्रदाय को पहले आम चुनाव से ही हर वयस्क मतदाता को मताधिकार की ताकत प्राप्त हुई।

दुनिया के अंदर आज के आधुनिक लोकतंत्र में श्रेय लेने वाले ऐसे तमाम देश हैं जिम वहां के लोगों में रंगभेद के आधार पर बड़े तबके को मताधिकार की ताकत नहीं प्राप्त हुई थी। यहां तक की आधी आबादी महिलाओं को भी उन देशों में यह ताकत तब मिली जब भारत अपने यहां पहले दिन से ही इसे लागू कर चुका था। यह सब कुछ हुआ भारत माता के महान सपूत राष्ट्र नायक बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से। आज के इस अवसर पर भारत माता के महान सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर भारत को विकसित बनाने के लिए पूरे प्राण प्रण से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प दिया है। इसे हमें पूरा करना है।

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