लखनऊ : सीएम योगी आदित्यनाथ को करारा झटका लगा है। 19 साल पुराने हत्याकांड में जिला सत्र न्यायालय ने उन्हें नोटिस जारी किया गया है। योगी आदित्यनाथ तो जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है।
सीएम योगी के खिलाफ पहला मामला महाराजगंज कोतवाली में पंचरुखिया कांड में दर्ज किया गया था। कब्रिस्तान और तालाब की जमीन को लेकर दो समुदायों में विवाद था।
इस मामले में सपा नेता तलत अजीज ने आरोप लगाया था कि उन्हें मारने की नीयत से गोली चलाई गई थी। तत्कालीन बीजेपी की सरकार ने सीबीसीआईडी को जांच सौंप दी। सीबीसीआईडी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दी। लेकिन ये साफ नहीं हो पाया कि गोली किस तरफ से चलाई गई। लेकिन तलत अजीज पक्ष का ये कहना था कि कुछ लोगों को बचाने के लिए जांच में लीपापोती की गई।
इस मामले में अभी तक सीएम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम योगी पर चल रहे कई मुकदमे खत्म किए गए थे। इसमें से सबसे पुराना मुकदमा 27 मई, 1995 को गोरखपुर के पीपीगंज थाने का था।
यूपी के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, मौजूदा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल समेत 13 लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुआ था। इसमें उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट का ऑर्डर भी हुआ था। बाद में ये मामला खत्म हो गया।