श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास यूपी के सीएम योगी ने किया । गोरक्ष पीठ के महंत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वामी परमानंद सहित राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा संतों सहित 300 लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
जानिए ये…
राम मंदिर से सौ मीटर दूर रामलला की संस्कार स्थली पर तीन साल में बनकर तैयार द्रविड़ शैली के मंदिर श्री रामलला सदन का उद्घाटन करने पहुंचे है।
रामलला की जन्मस्थली से सटे मंदिर को दक्षिण भारत के कलाकारों ने तीन साल में तैयार किया गया है।
कार्यक्रम में जगद्गुरु श्रीनिवासाचार्य कांची, श्रीरंग मंदिर वृंदावन के अध्यक्ष स्वामी रंगाचार्य और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर प्रमुख रूप से मौजूद थे।
रामलला सदन के महंत जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघावाचार्य हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी के साथ भगवान विष्णु, हनुमान जी और रंगनाथ जी सहित जय-विजय की प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही हैं। मंदिर में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के 30 फिट ऊंचे स्तंभ का निर्माण किया गया है।
सीएम योगी ने कहा- राम मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा। अब सैकड़ों वर्षों का इंतजार खत्म होने वाला है क्योंकि तेजी से मंदिर के निर्माण का काम होगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिला पूजन करना बेहद सौभाग्य की बात। गर्भगृह का पहला पत्थर रख दिया है, गोरक्षनाथ पीठ की तीन पीढ़ी इस मंदिर आंदोलन से जुड़ी हुई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 500 साल से देश के साधु-संत राम मंदिर आंदोलन को चला रहे थे, आज उन सभी लोगों की आत्मा को शांति की अनुभूति होगी।
गर्भगृह का पहला पत्थर रखने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से शिलाओं के रखने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा।
योगी ने कहा अब वो दिन दूर नहीं है जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या धाम में बनकर तैयार हो जाएगा, यह मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्भगृह का पहला पत्थर रख दिया है। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर के आर्किटेक्ट के अलावा कारीगरों को सम्मानित किया।
कमल की आकृति का आठ कोण वाला होगा राम मंदिर का गर्भगृह। 6 फिट मोटी दीवार होगी, जिसका बाहरी हिस्सा पिंक स्टोन का होगा। इसका कलश 161 फिट ऊंचा रहेगा।
अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- अधिरचना पर काम आज से शुरू हो रहा है। हमारे पास कार्यों को पूरा करने के लिए 3-चरण की समय सीमा है। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा 2023 तक गर्भगृह, 2024 तक मंदिर निर्माण और 2025 तक मंदिर परिसर में मुख्य निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
सीएम योगी ने किये हनुमानगढ़ी के दर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सुबह नौ बजे अयोध्या पहुंच गए थे। उन्हें रिसीव करने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या राम कथा पार्क पहुंचे थे। यहां से पहले वह साढ़े नौ बजे हनुमानगढ़ी में दर्शन करने पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा अर्चना की। इसके बाद राम जन्मभूमि के लिए रवाना हो गए।
राम मंदिर के निर्माण का साक्षी बनाना सौभाग्य की बात- केशव मौर्या
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने इस मौके पर कहा- देश की सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण शुरू हुआ। पहले चरण का काम राम जन्मभूमि परिसर में पूरा हो गया है। आज दूसरे चरण के क्रम में काम शुरू हुआ है। आज का दिन राम भक्तों के लिए है खुशी का दिन। राम भक्तों को शुभकामना। हनुमान जी की कृपा से सब काम हो रहा है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मंदिर निर्माण का साक्षी बन रहा हूं। राम मंदिर आंदोलन के सिपाही के तौर पर मुझे भी मिला है मौका।
अधिकारियों ने लिया तैयारियों का लिया जायजा
तैयारी के लिए मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंच गए हैं। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की टीम ने रामजन्मभूमि परिसर में तैयारियां पूरी कर ली हैं। कमिश्नर नवदीप रिनवा, जिलाधिकारी नीतिश कुमार और आईजी रेंज केपी सिंह के साथ एसएसपी अयोध्या शैलेश पांडेय ने रामजन्मभूमि परिसर में निरीक्षण किया है। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए भव्य पंडाल सहित पूरे परिसर को देखा।
जानिए परिसर में कौन-कौन सी भगवान के बनेंगे मंदिर
एक हजार साल से ज्यादा टिकने वाले राम मंदिर के प्रथम चरण में एक तीर्थ सुविधा केंद्र भी बनेगा। यह लगभग 25 हजार तीर्थ यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे पूरब दिशा में मंदिर पहुंचने के रास्ते के पास बनाया जाएगा। राम मंदिर के अलावा परिसर में भगवान वाल्मीकि, केवट, माता शबरी, जटायु, माता सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर बनाने की भी योजना है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र के भीतर और परकोटा के बाहर मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में निर्माण किया जाएगा।
एक साथ चल रहे कई कामकाज
वर्तमान में नींव के बाद प्लिंथ सहित सभी गतिविधियां एक साथ प्रगति पर हैंl गर्भगृह के चारों ओर प्लिंथ और नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर के ब्लॉकों की स्थापना, पिंडवाड़ा में गुलाबी बलुआ पत्थरों की नक्काशी, मकराना मार्बल की नक्काशी और आरसीसी रिटेनिंग वॉल निर्माण आदि काम चल रहे हैं। इसे बनने के बाद शायद इंजीनियरिंग का चमत्कार कहा जाएगा।
5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने किया था भूमि पूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के मंदिर के गर्भगृह स्थल पर 05 अगस्त 2020 को भूमि पूजा करके निर्माण कार्य को गति प्रदान की थी। एलएंडटी ने भविष्य के मंदिर की नींव के लिए एक डिजाइन का प्रारूप बनाया था l उसके अनुरूप परीक्षण किया गया था। आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आए, तो इस विचार को स्थगित कर दिया गया। यह परीक्षण अगस्त-सितंबर-अक्टूबर 2020 में किया गया था।
मंदिर के गर्भगृह क्षेत्र के अंदर राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर का प्रयोग किया जाएगा। नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक भी अयोध्या पहुंचने लगे हैं। मंदिर निर्माण क्षेत्र और उसके प्रांगण के क्षेत्र सहित कुल आठ एकड़ भूमि को घेरते हुए एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग परकोटा बनेगा। इसी के पूर्व भाग में प्रवेश द्वार होगा। इसे भी बलुआ पत्थर से बनाया जाएगा। यह परकोटा भीतरी भूतल से 18 फीट ऊंचा है और चौड़ाई में 14 फीट होगा।
राम मंदिर निर्माण में लगेंगे क्यूबिक फीट पत्थर
मंदिर परियोजना में परकोटा (नक्काशीदार बलुआ पत्थर) के लिए उपयोग किए जाने वाले पत्थरों की मात्रा लगभग 8 से 9 लाख क्यूबिक फीट है। 6.37 लाख घन फीट बिना नक्काशी वाला ग्रेनाइट प्लिंथ के लिए, लगभग 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर मंदिर के लिए, 13,300 घन फीट मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर गर्भगृह निर्माण के लिए और 95,300 वर्ग फुट फर्श और क्लैडिंग के लिए प्रयोग किया जाएगा। एक क्यूबिक फीट का मतलब एक फुट चौड़ा, एक फुट लंबा और एक फुट ऊंचा होता है।