निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इस बार मुख्य चुनाव आयोग ने आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों पर नकेल कसने की पूरी तैयार कर ली है।लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद राजनीतिक पार्टियों में बैठक का दौर शुरू हो गया है। भाजपा- कांग्रेस जहां लोकसभा सीट हाासिल करना चाह रही है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है बताते चले दिल्ली में एक तरफ बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो रही है जिसमें लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों का फैसला होगा उधर, गोवा में कांग्रेस ने उसकी सत्ता को चुनौती दे दी है।
कांग्रेस ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है. पार्टी ने कहा कि विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन के बाद से विधानसभा में बीजेपी के 13 विधायक हैं मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है. ऐसे में जो पार्टी अल्पमत में है उसको सरकार में रहने का कोई हक नहीं है. कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा है कि उनके पास बहुमत नहीं है। कांग्रेस ने सरकार गठन का दावा पेश करते हुए कहा कि हम राज्य में विधायकों की संख्या के मामले में सबसे बड़ी पार्टी हैं और हमें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
गोवा कांग्रेस ने अपने पत्र में लिखा,
गोवा की सरकार अल्पमत में है और कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।’ कांग्रेस ने राज्यपाल से कहा है कि एक बीजेपी विधायक के निधन के बाद पर्रिकर सरकार बहुमत खो चुकी है। यही नहीं, कांग्रेस ने लिखा कि यदि सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास किया जाता है तो यह अवैध होगा और इसे चुनौती दी जाएगी। बता दें कि कांग्रेस कई बार कह चुकी है कि सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें हटाकर किसी और को सीएम बनाया जाना चाहिए या फिर कांग्रेस को मौका दिया जाए।
Congress stakes claim to form government in Goa; writes to Governor to dismiss BJP-led govt which is in "minority" & call "single-largest party Congress to form govt".Also states in its letter, "any attempt to bring Goa under President's rule will be illegal & will be challenged" pic.twitter.com/EZ125NRO0a
— ANI (@ANI) March 16, 2019
पर्रिकर के करीबी सहयोगी ने कहा, उनकी तबीयत सही
इस बीच पर्रिकर के करीबी सहयोगी सिद्धार्थ कुनकोलियेंकर ने उनकी तबीयत बिगड़ने की खबरों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के डॉक्टर उनकी नियमित जांच कर रहे हैं और उनकी हालत स्थिर है। सिद्धार्थ ने पणजी के पास पर्रिकर के घर से लौटने के बाद मीडिया से कहा, ‘वर्तमान में उनके पास गोवा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हैं। नियमित जांच की जा रही है, वह स्थिर हैं।’ पर्रिकर के फरवरी 2018 में अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित होने की पुष्टि की गई थी।