कांग्रेस पार्टी को आज मिलेगा नया अध्यक्ष, वोटों की गिनती पर टिकी सभी की नजरें

कांग्रेस पार्टी को आज नया अध्यक्ष मिलेगा। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए 24 साल बाद हुए चुनाव के वोटों की गिनती सुबह 10 बजे शुरू हो गई है। चुनाव के लिए देशभर की सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में बैलेट बॉक्स भेजे गए थे। इन्हें नई दिल्ली के 24 अकबर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय (AICC) लाया गया है। यहीं सारे वोट गिने जा रहे हैं। शाम 4 बजे तक नतीजे आने के आसार हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने हैं। काउंटिंग के दौरान थरूर समर्थन सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और मतदान के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया। सोज ने कहा- हमने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है। इधर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि खड़गे 90% से ज्यादा वोटों से जीत रहे हैं।

नतीजों से तय होगा कांग्रेस का 65वां अध्यक्ष

इस चुनाव में जो भी जीतेगा, वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वां नेता होगा। इनमें से कई नेता एक से ज्यादा बार भी अध्यक्ष रह चुके हैं। अगर खड़गे जीतते हैं तो वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता होंगे। बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।

आखिरी बार 1998 में वोटिंग से हुआ था चुनाव

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।

ऐसे हो रही AICC प्रेसिडेंट इलेक्शन की काउंटिंग

17 अक्टूबर को वोटिंग के बाद देशभर में बनाए गए बूथों से मतपेटियां AICC मुख्यालय भेजी गई थीं। बुधवार को काउंटिंग शुरू होने से पहले मतपत्रों को आपस में मिक्स कर दिया गया, ताकि यह पता न चल सके कि किस उम्मीदवार को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं। इसके बाद वोटों की छंटनी की गई। इस प्रक्रिया के बाद 50-50 मतपत्रों के बंच बनाकर उनकी काउंटिंग की जा रही है। इस दौरान हर बंच की गिनती का रिकॉर्ड रखा जा रहा है।

36 पोलिंग स्टेशन पर 67 बूथों में हुई थी वोटिंग

कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) ने चुनाव में 36 पोलिंग स्टेशनों पर 67 बूथ बनाए थे। सबसे ज्यादा 6 बूथ UP में थे। हर 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया था। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स ने कर्नाटक के बेल्लारी में वोट डाला था। यहां यात्रा के कैंप पर एक कंटेनर में अलग से बूथ बनाया गया था।

काउंटिंग से पहले खड़गे और थरूर ने दिए दोस्ताना बयान

  1. शशि थरूर- कांग्रेस की किस्मत का फैसला कार्यकर्ता करेंगे। कांग्रेस में परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है। मैंने खड़गे जी से बात की है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। परिणाम कुछ भी हो, हम सहयोगी बने रहेंगे।
  2. मल्लिकार्जुन खड़गे- यह हमारे आंतरिक चुनाव का हिस्सा है। हमने एक-दूसरे से जो कुछ भी कहा वह मैत्रीपूर्ण ही है। हमें मिलकर पार्टी बनानी है। थरूर ने मुझे फोन किया और शुभकामनाएं दीं और मैंने भी उन्हें मुबारकबाद दी है।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोमवार 17 अक्टूबर की शाम 4 बजे देश में एक साथ वोटिंग खत्म हुई। पार्टी गठन के 137 साल के इतिहास में ऐसा छठवीं बार और साल 1998 के बाद पहली बार प्रेसिडेंट चुनने के लिए वोट डाले गए। अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेताओं ने मतदान किया। कांग्रेस मुख्यालय पर 87 डेलिगेट्स ने मतदान डाला। वोटिंग के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि नए अध्यक्ष का इंतजार लंबे वक्त से था।

अपने जिले के पहले दलित वकील थे खड़गे:स्कूल में हेड बॉय रहे, अब कांग्रेस अध्यक्ष पद से एक कदम दूर

1947 का अगस्त महीना। मैसूर राज्य (अब कर्नाटक) का वरवट्टी गांव। तब यहां निजाम की हुकूमत थी। भारत को बांटकर पाकिस्तान बनाया गया, तो इस इलाके में भी हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क गए। वरवट्टी गांव पर निजाम की सेना ने हमला कर दिया। साथ में लुटारी (अमीरों को लूटने वाले) भी थे। उन्होंने पूरे गांव में आग लगा दी। यहीं एक घर में 5 साल के बच्चे ने अपनी मां को जिंदा जलते देखा।

कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये संगठन का चुनाव है, हमारे घर का मामला है। हर कोई किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र है। लोगों ने मेरा समर्थन किया और मैं उम्मीदवार हूं। कांग्रेस जैसा विशाल संगठन चलाने के लिए गांधी परिवार का मार्गदर्शन चाहिए। अगर कोई कहता है कि उन्हें छोड़कर पार्टी को चलाया जा सकता है तो यह असंभव है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पार्टी का प्रोटोकॉल तोड़ा। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक वह किसी भी प्रत्याशी का खुलकर समर्थन नहीं कर सकते थे, इसके बावजूद गहलोत ने खड़गे के लिए वोट मांगे।

थरूर का ट्वीट- इतिहास याद रखेगा, हम खामोश नहीं थे

वोटिंग से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में शशि थरूर को पोलिंग एजेंट्स नहीं मिले। कांग्रेस ने इसके बाद नियमों में बदलाव किया और उन्हें पोलिंग एजेंट्स उपलब्ध कराए गए। कांग्रेस संविधान के मुताबिक वोट डालने वाले डेलिगेट्स ही पोलिंग एजेंट होते हैं। इसी बीच, शशि थरूर ने एक ट्वीट में लिखा- कुछ लड़ाइयां हम इसलिए भी लड़ते हैं कि इतिहास याद रख सके कि वर्तमान खामोश नहीं था।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें