
भास्कर ब्यूरो
बरेली। आईएमसी (ऑल इंडिया मुस्लिम काउंसिल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को अमानवीय और शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या यह दर्शाती है कि आतंकियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं। मौलाना ने सवाल किया कि आखिर देश की सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं, जब इतने बड़े पैमाने पर सैलानी संवेदनशील इलाके में मौजूद थे।
हमले का मकसद देश में फूट डालना
मौलाना ने कहा कि हमलावरों का इरादा सिर्फ जान लेना नहीं, बल्कि भारत में सांप्रदायिक तनाव भड़काना और गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा करना था। सैलानियों की पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाना इसी की पुष्टि करता है।
आतंकी, इस्लाम और इंसानियत दोनों के दुश्मन
मौलाना ने दो टूक कहा कि ये हमलावर मुसलमानों के भी गुनहगार हैं। इस्लाम निर्दोष की हत्या की इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा, अगर हमलावर पाकिस्तान से आए हैं तो इससे बड़ा प्रमाण नहीं कि पाकिस्तान ही मुसलमानों का सबसे बड़ा दुश्मन है।
सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश
मौलाना ने यह भी कहा कि सैलानियों की पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाना साफ दर्शाता है कि यह हमला भारत में सांप्रदायिक फूट डालने और माहौल को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने देशवासियों से संयम बनाए रखने की अपील की और कहा कि आतंकियों की इस चाल को विफल करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
पाकिस्तान से हर संबंध खत्म करने की मांग
आईएमसी प्रमुख ने केंद्र सरकार से मांग की कि यदि इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता साबित होती है, तो भारत को उसके साथ सभी कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर देने चाहिए। साथ ही पाकिस्तानी दूतावास बंद कर राजनयिकों को वापस बुलाया जाए।